मणिपुर के मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में एनडीए विधायकों की कम उपस्थिति को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला – Congress attacks BJP over low attendance of NDA MLAs in the meeting called by manipur CM
मणिपुर में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए सत्तारूढ़ एनडीए सरकार की तीखी आलोचना की। मंगलवार को कांग्रेस ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में एनडीए विधायकों की कम उपस्थिति पर सवाल उठाते हुए इसे भाजपा की कमजोर स्थिति का प्रतीक बताया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह द्वारा इंफाल में बुलाई गई बैठक में केवल 26 विधायक ही पहुंचे। उन्होंने कहा, इन 26 विधायकों में से चार एनपीपी के हैं, जिसने पहले ही भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है। दीवार पर लिखी इबारत साफ है, लेकिन क्या गृह मंत्री अमित शाह इसे पढ़ रहे हैं? रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मणिपुर के लोग असहनीय पीड़ा झेल रहे हैं। भाजपा की डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। अब प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से संसद सत्र से पहले मणिपुर का दौरा करने की मांग की। रमेश ने कहा, 3 मई, 2023 से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। प्रधानमंत्री दुनिया के विभिन्न देशों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन मणिपुर जाने का समय नहीं निकाल पा रहे। उन्हें संसद सत्र से पहले मणिपुर जाकर राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और राहत शिविरों में पीड़ितों से मिलना चाहिए। मई 2023 से मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण 220 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच यह हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। हाल ही में इंफाल घाटी में कांग्रेस और भाजपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ और कई विधायकों के घरों को आग के हवाले किए जाने की घटनाएं सामने आईं। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार मणिपुर की स्थिति संभालने में नाकाम रही है। रमेश ने कहा, हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और गृह मंत्री अमित शाह तुरंत इस्तीफा दें। कांग्रेस ने यह भी कहा कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए राज्य के हालात को नजरअंदाज कर रही है। रमेश ने कहा, एनडीए सरकार मणिपुर के लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं है। यह भाजपा की नीति और नीयत दोनों पर सवाल खड़े करता है। राज्य में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। शनिवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक घर पर भीड़ ने हमला करने की कोशिश की, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। कांग्रेस ने इस संकट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की है। पार्टी का कहना है कि सरकार को तत्काल प्रभाव से मणिपुर के लिए विशेष राहत और पुनर्वास योजनाओं की घोषणा करनी चाहिए। मणिपुर का संकट राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा मुद्दा बन गया है, और कांग्रेस इसे 2024 चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ बड़े हमले के तौर पर देख रही है। मणिपुर के मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में एनडीए विधायकों की कम उपस्थिति को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला – Congress attacks BJP over low attendance of NDA MLAs in the meeting called by manipur CM