मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा क्यों खाते हैं? जानें इसका धार्मिक और स्वास्थ्य महत्व – Why do we eat curd and chuda on makar sankranti? Know its religious and health importance
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में गोचर करते हैं, जिसे उत्तरायण कहा जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर स्नान और दान करने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है, जिससे सुख-समृद्धि और शांति मिलती है। इस दिन विशेष रूप से दही-चिवड़ा का सेवन और सूर्य देव को इसका प्रसाद अर्पित करने का रिवाज है। दही-चिवड़ा का धार्मिक महत्व – दही और चिवड़ा को सूर्य देव का प्रसाद माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन इसे अर्पित करने से सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि इससे जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है, साथ ही कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं। यह परंपरा खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में अधिक प्रचलित है। दही-चिवड़ा खाने के स्वास्थ्य लाभ – 1. पाचन में सहायक: दही-चिवड़ा का सेवन पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। 2. वजन घटाने में मददगार: यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत है और वजन घटाने के लिए उपयोगी है। 3. आंत की सेहत: इसमें प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आंतों को स्वस्थ रखते हैं। 4. शरीर को ठंडक: दही शरीर को ठंडक प्रदान करता है और संतुलन बनाए रखता है। कैसे बनाएं दही-चिवड़ा? दही-चिवड़ा बनाने का तरीका बेहद आसान है: 1. एक बाउल में दही लें और उसे अच्छे से ब्लेंड करें। 2. इसमें स्वाद के अनुसार चीनी या गुड़ मिलाएं और इसे 1-2 मिनट तक छोड़ दें, ताकि मिठास अच्छे से घुल जाए। 3. अब इसमें चिवड़ा मिक्स करें और 5 मिनट के लिए छोड़ दें, ताकि चिवड़ा दही में अच्छी तरह से घुल जाए। 4. तैयार है मकर संक्रांति के लिए स्वादिष्ट और पारंपरिक दही-चिवड़ा। मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा क्यों खाते हैं? जानें इसका धार्मिक और स्वास्थ्य महत्व – Why do we eat curd and chuda on makar sankranti? Know its religious and health importance