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February 16, 2025

एनडीएलएस भगदड़ रेलवे की विफलताओं और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है - कांग्रेस - NDLS stampede exposes railway failures and government insensitivity - Congress

एनडीएलएस भगदड़ रेलवे की विफलताओं और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है – कांग्रेस – NDLS stampede exposes railway failures and government insensitivity – Congress

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रातभर मची भगदड़ में 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि मोदी सरकार मौतों की सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस हादसे को बेहद शर्मनाक और निंदनीय बताया और कहा कि सरकार को तुरंत मृतकों और घायलों का सही आंकड़ा घोषित करना चाहिए। उन्होंने लापता लोगों की पहचान सुनिश्चित करने और घायलों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग की। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, यह घटना रेलवे की विफलता और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है। महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए थी। एआईसीसी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने इस हादसे को चौंकाने वाला और बेहद दुखद बताया। उन्होंने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह की आपदा दिखाती है कि सरकार पूरी तरह अक्षम है और सिर्फ जनसंपर्क में माहिर है, वास्तविक प्रबंधन में नहीं। उन्होंने यह भी पूछा, जब सरकार को पहले से पता था कि महाकुंभ के कारण भारी भीड़ होगी, तो रेलवे ने विशेष ट्रेनें क्यों नहीं चलाईं? भीड़ नियंत्रण के उपाय क्यों नहीं किए गए? कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि केंद्र सरकार हादसे के असली कारणों को उजागर करे और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। विपक्ष ने सरकार से सवाल किया कि आखिर कब तक कुप्रबंधन और लापरवाही की वजह से मासूम लोगों की जान जाती रहेगी?   एनडीएलएस भगदड़ रेलवे की विफलताओं और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है – कांग्रेस – NDLS stampede exposes railway failures and government insensitivity – Congress

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गौतम गंभीर और अजीत अगरकर के बीच चयन को लेकर तीखी बहस - Gautam gambhir and ajit agarkar had a heated debate over selection

गौतम गंभीर और अजीत अगरकर के बीच चयन को लेकर तीखी बहस – Gautam gambhir and ajit agarkar had a heated debate over selection

इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में 3-0 से धमाकेदार जीत दर्ज करने के बाद टीम इंडिया आत्मविश्वास से लबरेज है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के फॉर्म में लौटने के संकेत भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए राहत की खबर हैं। लेकिन आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले भारतीय टीम में कुछ अंदरूनी मतभेद भी उभरकर सामने आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेड कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के बीच श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत के चयन को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। यह मुद्दा टीम के अंदर भी बहस का कारण बन चुका है। जब भारत की प्रारंभिक चैंपियंस ट्रॉफी टीम का ऐलान हुआ था, तो अजीत अगरकर ने ऋषभ पंत को भारत का नंबर 1 विकेटकीपर घोषित किया था। हालांकि, इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। दूसरी ओर, सीरीज के बाद गौतम गंभीर ने केएल राहुल को भारत का नंबर 1 विकेटकीपर बताया, जिससे चयन समिति और टीम प्रबंधन के विचारों में बड़ा अंतर साफ दिख रहा है। गंभीर ने कहा अगर पंत टीम का हिस्सा हैं, तो उन्हें मौका मिलेगा। लेकिन फिलहाल, केएल राहुल हमारे नंबर 1 विकेटकीपर हैं और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। श्रृंखला की शुरुआत में, टीम प्रबंधन ने यशस्वी जायसवाल को शामिल करने के लिए श्रेयस अय्यर को बाहर बैठाने का फैसला किया था। लेकिन विराट कोहली की चोट के कारण अय्यर को खेलने का मौका मिला, और उन्होंने अर्धशतक लगाकर शानदार वापसी की। इसके बाद, वह टीम के लिए नियमित बने रहे। पूर्व चयनकर्ता देवांग गांधी ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, श्रृंखला की शुरुआत में अय्यर को बेंच पर बैठाने का कोई मतलब नहीं था। वह 2023 वनडे वर्ल्ड कप में भारत के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक थे। चयनकर्ताओं और गंभीर को मध्यक्रम में स्थिरता लाने की जरूरत है। भारत के मध्यक्रम की अनिश्चितता को लेकर कई विशेषज्ञ चिंतित हैं। इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में, प्रबंधन ने केएल राहुल और हार्दिक पांड्या की बजाय अक्षर पटेल को ऊपरी क्रम में भेजकर चौंका दिया। गांधी ने कहा, अगर अक्षर पटेल को नंबर 5 बल्लेबाज के रूप में देखा जा रहा है, तो उसे निरंतर मौके दिए जाने चाहिए। लेकिन टीम को यह तय करना होगा कि क्या वह 2027 वर्ल्ड कप तक इस भूमिका के लिए सही विकल्प हैं? इंग्लैंड के खिलाफ शानदार जीत के बावजूद, भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में सफलता हासिल करने के लिए मध्यक्रम की अस्थिरता से निपटना होगा।   गौतम गंभीर और अजीत अगरकर के बीच चयन को लेकर तीखी बहस – Gautam gambhir and ajit agarkar had a heated debate over selection

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पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां बढ़ीं: विपक्षी अधिकारी - Anti-national activities increased in some areas of west bengal: Opposition adhikari

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पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में बढ़ती राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला है। अधिकारी ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, बंगाल के कुछ इलाकों में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां बढ़ रही हैं। सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि असम और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल के महीनों में कई बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं और चरमपंथियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के 50-55 विधानसभा क्षेत्र और 30-35 पुलिस थानों में जनसांख्यिकी बदल गई है, जिसके लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने आगे कहा, ममता बनर्जी, पुलिस मंत्री (गृह मंत्री) के तौर पूरी तरह विफल रही हैं। भाजपा के शीर्ष नेता, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, लंबे समय से ममता बनर्जी पर अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को बंगाल में बसने की अनुमति देने का आरोप लगाते रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान, पीएम मोदी ने उत्तर दिनाजपुर की एक रैली में कहा था कि टीएमसी सीएए के खिलाफ झूठी अफवाहें फैला रही है और बंगाल में अवैध घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा, टीएमसी ने बंगाल की जनसांख्यिकी बदलने और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को बसने की अनुमति दी है। यह उनके वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है, जिससे राज्य के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) पर बांग्लादेश से आतंकवादियों और घुसपैठियों को राज्य में प्रवेश कराने का आरोप लगाया। जनवरी 2025 में, कोलकाता के नबन्ना सभागार में प्रशासनिक समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी ने कहा, अगर बीएसएफ ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देना जारी रखती है, तो टीएमसी उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि टीएमसी का अवैध घुसपैठ से कोई लेना-देना नहीं है और पार्टी किसी भी सीमा पार करने वाले व्यक्ति के कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं है। राज्य में भाजपा और टीएमसी के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां भाजपा अवैध प्रवासियों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा रही है, वहीं टीएमसी बीएसएफ पर घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप मढ़ रही है।   पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां बढ़ीं: विपक्षी अधिकारी – Anti-national activities increased in some areas of west bengal: Opposition adhikari

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