पंजाब में बढ़ती बेरोज़गारी – एक गंभीर चिंता: सागर बैंस – Rising unemployment in punjab – a serious concern: Sagar bains
जतिन बब्बर – पंजाब में बेरोज़गारी की समस्या दिनों-दिन गहराती जा रही है, जिससे युवाओं का भविष्य अनिश्चित होता जा रहा है। शिक्षित युवाओं की बढ़ती संख्या के बावजूद उन्हें रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। कृषि संकट, उद्योगों की कमी, नशे की बढ़ती लत और सरकारी नौकरियों की सीमित उपलब्धता इस समस्या को और अधिक गंभीर बना रहे हैं। हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में युवा बेरोज़गारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक हो गई है। कई शिक्षित युवा सरकारी नौकरियों की तैयारी में वर्षों बिता रहे हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में देरी और अवसरों की कमी के कारण वे हताश होते जा रहे हैं। बेरोज़गारी के मुख्य कारण: • कृषि पर अत्यधिक निर्भरता – कृषि क्षेत्र में आय की अनिश्चितता के कारण ग्रामीण युवाओं को वैकल्पिक नौकरियों की तलाश करनी पड़ रही है। • उद्योगों की कमी – राज्य में नए उद्योगों और निवेश की कमी के कारण रोजगार के अवसर सीमित हो गए हैं। • नशे की लत – बेरोज़गारी और मानसिक तनाव के कारण कई युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता और रोजगार पाने की संभावना कम हो रही है। • शिक्षा और कौशल विकास में कमी – व्यावसायिक प्रशिक्षण और आधुनिक कौशल की कमी के कारण युवा प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाते हैं। • सरकारी नौकरियों की कमी और भर्ती में देरी – सरकारी नौकरियों की सीमित उपलब्धता और भर्ती प्रक्रियाओं में देरी बेरोज़गार युवाओं के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। संभावित समाधान: • औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देकर निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं। • व्यावसायिक शिक्षा और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए। • नशा मुक्ति अभियान तेज कर युवाओं को मुख्य धारा में जोड़ा जाए। • सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाकर उन्हें तेज़ी से पूरा किया जाए। पंजाब के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार, उद्योगपतियों और समाज को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। यह समय है कि बेरोज़गारी के इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जाए। जय भीम, जय भारत, जय संविधान पंजाब में बढ़ती बेरोज़गारी – एक गंभीर चिंता: सागर बैंस – Rising unemployment in punjab – a serious concern: Sagar bains