समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि नौकरियां देना भाजपा के एजेंडे में नहीं है। उन्होंने सरकारी पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती को आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को छीनने और हाशिए पर पड़े समुदायों के खिलाफ एक “आर्थिक साजिश” करार दिया।
गुरुवार को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक अखबार की रिपोर्ट और विज्ञापन साझा करते हुए दावा किया कि तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल जैसे महत्वपूर्ण पद आउटसोर्सिंग के जरिए भरे जा रहे हैं। यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, बेहतर होगा कि भाजपा पूरी ‘सरकार’ को आउटसोर्स कर दे, ताकि सभी आयोग एक ही जगह से आ जाएं। इससे भाजपा को आरक्षण खत्म करने और नौकरियां देने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग नीति का उद्देश्य पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों (पीडीए) के खिलाफ आर्थिक षड्यंत्र करना है। यादव ने मांग की कि भाजपा इस प्रस्ताव को तुरंत वापस ले और सुनिश्चित करे कि नौकरियों में आरक्षण के अधिकारों की रक्षा हो।
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा रोजगार सृजन के प्रति असंवेदनशील है और सरकार की नीतियां युवाओं के भविष्य के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, हमने हमेशा कहा है और आज फिर दोहरा रहे हैं, नौकरियां भाजपा के एजेंडे में नहीं हैं।
अखिलेश यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश सहित देशभर में बेरोजगारी का मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बना हुआ है। सपा अध्यक्ष की इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि पार्टी 2024 के चुनावों में युवाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को लुभाने के लिए भाजपा की नीतियों को निशाने पर रखेगी।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना, सरकारी नौकरियों में आउटसोर्सिंग को बताया ‘आर्थिक साजिश’ –
Akhilesh yadav attacks BJP, called outsourcing of government jobs and ‘economic conspiracy’