अडानी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग को लेकर गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। सांसदों ने तख्तियां लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के बीच कथित मिलीभगत के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान अलग-अलग हिंदी अक्षरों की तख्तियां उठाई गईं, जो मिलकर संदेश देती थीं “देश बिकने नहीं देंगे।”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में कांग्रेस, डीएमके और वामपंथी दलों के सांसद मकर द्वार और संविधान सदन के सामने एकजुट हुए। प्रदर्शनकारियों ने मोदी-अडानी संबंधों की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए सत्तारूढ़ भाजपा पर सवाल खड़े किए।
यह प्रदर्शन अडानी समूह से जुड़े विवादों पर कांग्रेस के नेतृत्व में चल रहे विरोध का हिस्सा है। कांग्रेस का दावा है कि समूह पर अमेरिकी अदालत में लगे आरोप उनकी जेपीसी जांच की मांग को उचित ठहराते हैं।
इससे पहले बुधवार को, विपक्षी सांसदों ने भाजपा सांसदों का स्वागत हाथों में तिरंगा और लाल गुलाब लेकर किया। उन्होंने भाजपा से सदन की कार्यवाही चलाने और अडानी मामले सहित सभी मुद्दों पर चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद भवन के बाहर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को तिरंगा भेंट किया। सांसदों ने मंगलवार को ‘झोले’ का उपयोग कर विरोध जताया, जिन पर मोदी-अडानी के कार्टून और “मोदी-अडानी भाई-भाई” लिखा हुआ था।
कांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उनके “घोटालों” की गहन जांच की अपील की है। राहुल गांधी ने अडानी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि जेपीसी जांच से पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी।
अडानी समूह ने सभी आरोपों को “झूठा और निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया है। समूह का कहना है कि विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप सच्चाई से कोसों दूर हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष ने अडानी विवाद पर अपना विरोध तेज कर दिया है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इसे भारतीय राजनीति में बड़े घोटाले के रूप में देख रहे हैं।
संसद परिसर में विपक्ष ने किया विरोध प्रदर्शन, अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग –
Opposition protests in parliament premises, demands JPC probe on adani issue