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हिंदू धर्म में सालभर में चार नवरात्रि मनाई जाती हैं—माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन माह में। इनमें से दो प्रकट नवरात्रि (चैत्र और शारदीय) और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। प्रकट नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, व्रत रखे जाते हैं और मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्त विशेष संकल्प लेते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 29 मार्च 2025 को शाम 4:27 बजे से होगी और 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से मानी जाएगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:
– सुबह 6:23 बजे से 10:22 बजे तक
– अभिजीत मुहूर्त: 30 मार्च को दोपहर 12:10 बजे
2025 में शारदीय नवरात्रि कब है?
शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना की जाती है और पूरे देश में भक्तों द्वारा धूमधाम से पूजा-अर्चना की जाती है।
– शारदीय नवरात्रि की शुरुआत: 22 सितंबर 2025 को रात 1:23 बजे
– प्रतिपदा तिथि: 22 सितंबर 2025
– समापन: 2 अक्टूबर 2025
– कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:
– सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक
– अभिजीत मुहूर्त: 11:49 बजे से 12:38 बजे तक
नवरात्रि में पूजा-पाठ का महत्व
नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ मां दुर्गा की आराधना करते हैं, उपवास रखते हैं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं।
इस साल की चैत्र और शारदीय नवरात्रि के शुभ मुहूर्त और तिथियों को ध्यान में रखते हुए अपनी पूजा विधि पहले से ही तय करें और माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
जानिए साल 2025 में चैत्र और शारदीय नवरात्रि के शुभ मुहूर्त और व्रत तिथि के बारे में –
Know about the auspicious time and fasting date of chaitra and sharadiya navratri in the year 2025