
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को ओबीसी पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक में कहा कि केवल राजनीतिक सत्ता ही दलितों और बहुजनों के लिए अच्छे दिन ला सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बहुजन समुदाय को जातिवादी राजनीति के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
बैठक में मायावती ने कहा, राजनीतिक सत्ता हासिल करना ही बहुजनों के लिए अच्छे दिन लाने का एकमात्र तरीका है। उन्होंने आरोप लगाया कि ओबीसी समुदाय भी जाति-आधारित राजनीति और संकीर्ण नीतियों से प्रभावित हो रहा है। मायावती ने कहा कि दलितों की तरह ओबीसी भी नई नीतियों के कारण अपने संवैधानिक आरक्षण लाभ से वंचित हो गए हैं, जिससे उनका कोटा अप्रभावी हो गया है।
बसपा प्रमुख ने सामाजिक भेदभाव को खत्म करने के लिए सभी वर्गों को एकजुट करने और राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए आक्रामक अभियान छेड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, अपमान से खुद को मुक्त करने के लिए, बहुजन समुदाय को अपनी राजनीतिक शक्ति मजबूत करनी होगी।
मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसे दल दलित और ओबीसी विरोधी एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, हमें गांव स्तर पर एक आक्रामक अभियान छेड़ना होगा, ताकि इन जातिवादी पार्टियों को हराकर सत्ता हासिल की जा सके।
मायावती ने दावा किया कि 2012 में यूपी में बसपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए जातिवादी पार्टियों ने साजिश रची थी। उन्होंने कहा, तब से दलितों और ओबीसी को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है और उनकी स्थिति और खराब हुई है।
मायावती ने याद दिलाया कि 2011 में यूपी की मुख्यमंत्री रहते हुए, उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर जाति आधारित जनगणना की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना ही ओबीसी और दलितों को उनका हक दिला सकती है।
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 14 अप्रैल को डॉ. बीआर अंबेडकर की जयंती पर देशभर में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ और नोएडा में बसपा नेता अंबेडकर की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि देंगे।
मायावती ने भाजपा, कांग्रेस और सपा को दलितों और ओबीसी को गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा, ये दल मीठी-मीठी बातें और झूठे वादों से दलितों और ओबीसी को धोखा देते हैं। लेकिन वे कभी उनके उत्थान के लिए ईमानदारी से काम नहीं करेंगे।
मायावती: राजनीतिक सत्ता ही दलितों और बहुजनों के ‘अच्छे दिन’ की कुंजी –
Mayawati: Political power is the key to ‘good days’ for dalits and bahujans