समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर जीएसटी दरों में संभावित बढ़ोतरी को लेकर तीखा हमला बोला। यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राजस्व बढ़ाने के बजाय भ्रष्टाचार बढ़ाने की योजना बना रही है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर भाजपा की एक देश, एक कर नीति को जुमला बताते हुए कहा, भाजपा एक देश, एक कर कह रही थी, लेकिन यह भी जुमला झूठ निकला। अब वे नए जीएसटी स्लैब ला रहे हैं। जब एक कर, अनेक स्लैब है तो एक कर का नारा झूठ साबित हो गया।
यादव ने आरोप लगाया कि कर की दरें बढ़ाने के पीछे भ्रष्टाचार का बड़ा खेल है। उन्होंने कहा, यह भाजपा की योजना है कि राजस्व बढ़ाने के बजाय अधिकारियों के माध्यम से व्यापारियों पर दबाव डालकर वसूली की जाए।
यादव की यह टिप्पणी उन रिपोर्टों के बाद आई है, जिनमें कहा गया कि जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह ने सुझाव दिया है कि वातित पेय पदार्थ, सिगरेट, तंबाकू जैसे उत्पादों पर कर की दर 28% से बढ़ाकर 35% की जा सकती है। हालांकि, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि जीएसटी दरों पर मंत्रिसमूह ने अभी तक जीएसटी परिषद को कोई सिफारिश नहीं सौंपी है।
यादव ने कहा कि दुनिया में यह आम नियम है कि जितनी अधिक कर की दरें होती हैं, उतनी ही अधिक कर चोरी होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में पहले कर चोरी करने के पिछले दरवाजे तैयार किए जाते हैं, और बाद में नई कर योजनाएं सामने लाई जाती हैं। यादव ने कहा, जब कर चोरी बढ़ती है, तो भ्रष्ट सत्तारूढ़ पार्टी अधिक कमाती है।
वातित पेय और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दरों में बढ़ोतरी की अटकलें जारी हैं, लेकिन अंतिम फैसला जीएसटी परिषद करेगी। इस विवाद के बीच, अखिलेश यादव के आरोपों ने जीएसटी दरों को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है।
अखिलेश यादव ने जीएसटी बढ़ोतरी की खबरों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की –
Akhilesh yadav criticized the central government over reports of GST hike