दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री आतिशी को नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ आलोचनात्मक पत्र ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री आतिशी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दो पन्नों के विस्तृत जवाब में उपराज्यपाल से उम्मीद जताई कि वे नए साल में राजनीति के बोझ को छोड़कर दिल्ली के नागरिकों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने जवाबी पत्र में 10 प्रमुख मुद्दों पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल रचनात्मक सहयोग के बजाय आलोचना को प्राथमिकता देते हैं और उनके अनावश्यक हस्तक्षेप से कई महत्वपूर्ण योजनाएं प्रभावित हुईं।
महिला सम्मान योजना को रोकने के मुद्दे पर उन्होंने उपराज्यपाल की तीखी आलोचना की और कहा कि उनका कार्यालय भाजपा का प्रतिनिधि बनकर रह गया है।
आतिशी ने दिल्ली की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उपराज्यपाल की कथित विफलता की ओर इशारा किया। उन्होंने लिखा, जबकि दिल्ली में रोजाना बच्चों और महिलाओं का अपहरण और उन पर हमले हो रहे हैं, आप पुलिस को हमारे नेताओं पर छापेमारी और पूछताछ के निर्देश देने में व्यस्त हैं।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि एक पूर्व सांसद के अवैध कृत्यों को रोकने में उपराज्यपाल की भूमिका संदिग्ध रही है।
सक्सेना ने अपने पत्र को व्यक्तिगत हैसियत से लिखा हुआ बताते हुए आतिशी के शासन की सराहना की। उन्होंने कहा, मेरे ढाई साल के कार्यकाल में पहली बार मैं किसी मुख्यमंत्री को कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए देख रहा हूँ। आपके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल ने न तो कोई सरकारी विभाग संभाला और न ही किसी फाइल पर हस्ताक्षर किए।
हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की आलोचना करते हुए आतिशी को अस्थायी मुख्यमंत्री कहने को संविधान का अपमान बताया।
मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने जवाब में अरविंद केजरीवाल की नीतियों और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने लिखा, चाहे शैक्षिक सुधार हो, स्वास्थ्य सेवा क्रांति हो या बुनियादी ढांचे का विकास, अरविंद केजरीवाल की नीतियां केवल दिल्ली में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में एक मानक बन चुकी हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के लोगों ने बार-बार केजरीवाल सरकार पर विश्वास दिखाया है और उनकी नीतियों को सराहा है।
आतिशी ने सक्सेना पर पलटवार करते हुए एलजी ऑफिस पर बीजेपी के ‘प्रॉक्सी’ के तौर पर काम करने का आरोप लगाया –
Atishi hits back at saxena, accuses LG office of working as BJP’s ‘proxy’