
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने शुक्रवार को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी (AAP) के 21 विधायकों के निलंबन को विपक्ष के साथ अन्याय करार दिया। उन्होंने स्पीकर से लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की अपील की और सत्तारूढ़ पार्टी पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
अपने पत्र में आतिशी ने लिखा, मैं यह पत्र बहुत दुख और पीड़ा के साथ लिख रही हूं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत इसकी निष्पक्षता और समानता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में दिल्ली विधानसभा में जो कुछ हुआ, वह न केवल विपक्षी विधायकों के साथ अन्याय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी गहरा आघात है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि विपक्ष के 21 विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
आतिशी के अनुसार, 25 फरवरी 2025 को उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए, जबकि विपक्षी विधायकों ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों के सम्मान में जय भीम के नारे लगाए।
उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता पक्ष के किसी भी विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन विपक्ष के 21 विधायकों को ‘जय भीम’ का नारा लगाने के लिए तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया।
आतिशी ने आगे कहा कि अन्याय यहीं नहीं रुका। जब निलंबित विधायक गांधी जी की प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण विरोध के लिए जा रहे थे, तो उन्हें विधानसभा गेट से 200 मीटर पहले ही रोक दिया गया और अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया गया।
उन्होंने इसे विधायकों और जनता के जनादेश का अपमान बताया और कहा कि यह पूरी तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
आतिशी ने अपने पत्र में स्पीकर से आग्रह किया, आप इस विधानसभा के संरक्षक हैं। सभी विधायकों के साथ समान न्याय करना आपका कर्तव्य है, चाहे वे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के। मैं आपसे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करती हूं कि कोई भी विधायक अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित न रहे।
गौरतलब है कि 25 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश होने से पहले भारी हंगामा हुआ था। इसी दौरान स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय और आतिशी समेत 21 विधायकों को निलंबित कर दिया था।
विपक्षी विधायकों के निलंबन पर आतिशी ने स्पीकर को लिखा पत्र –
Atishi wrote a letter to the speaker on the suspension of opposition MLAs