पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत का विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पूरे मनोभाव से भगवान शिव की पूजा करने से घर-परिवार में खुशहाली आती है, आरोग्य का वरदान मिलता है और जीवन में आ रही बाधाओं का नाश होता है। मार्च 2025 में आने वाला यह प्रदोष व्रत खास है क्योंकि यह गुरुवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। आइए जानते हैं इस माह के आखिरी प्रदोष व्रत की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और व्रत में बरती जाने वाली सावधानियां। मार्च महीने का आखिरी प्रदोष व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाएगा। – तिथि प्रारंभ: 26 मार्च 2025 को रात 1 बजकर 42 मिनट से – तिथि समाप्त: 27 मार्च 2025 को रात 11 बजकर 3 मिनट तक इस तिथि के अनुसार, प्रदोष व्रत का पूजन 27 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा। प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, जो सूर्यास्त के बाद और रात्रि पूर्व का समय होता है। शुभ मुहूर्त: – शाम: 6:35 बजे से – रात: 8:57 बजे तक इस अवधि में पूजा करना अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। प्रदोष व्रत की पूजा विधि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से की जाती है। पूजा की सही विधि इस प्रकार है: 1. स्नान और संकल्प: – व्रती को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। – स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। 2. शिवलिंग का अभिषेक: – पूजा के समय शिवलिंग का गंगाजल, दूध, शहद, दही और घी से अभिषेक करें। – शिवलिंग पर बेलपत्र, आक के फूल, गुड़हल और मदार के फूल चढ़ाएं। – भगवान शिव को धतूरा और भांग अर्पित करें, जो शिव पूजन में विशेष माने जाते हैं। 3. मंत्र जाप और कथा पाठ: – पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप करें, जैसे: – “ॐ नमः शिवाय” – “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें। – इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और परिवार के सदस्यों के साथ आरती करें। 4. भोग और आरती: – पूजा के बाद भगवान शिव को भोग लगाएं। – आरती के बाद प्रसाद वितरण करें। – प्रदोष व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है। प्रदोष व्रत पर ध्यान रखने योग्य बातें प्रदोष व्रत का फल तभी प्राप्त होता है, जब इसे पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए रखा जाए। इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है: 1. तामसिक भोजन वर्जित: – इस दिन मांसाहार, लहसुन-प्याज और मादक पदार्थ का सेवन न करें। 2. गुस्से और द्वेष से बचें: – मन में किसी के लिए गुस्सा या द्वेष न रखें। – नकारात्मक विचारों को त्यागकर शिव ध्यान करें। 3. झूठ और अनादर न करें: – झूठ बोलने और किसी का अनादर करने से बचें। 4. दान-पुण्य करें: – प्रदोष व्रत के दिन गरीबों को भोजन और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। प्रदोष व्रत का विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से: – भगवान शिव की कृपा से स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है। – जीवन में आ रही कष्ट और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। – दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। – रोग और शत्रुओं से रक्षा होती है। मार्च 2025 में कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम – When will pradosh fast of 2025 be observed in march, know the date, auspicious time, puja method and rules