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खरमास के दौरान कई ऐसे काम हैं जिन्हें करना बेहद शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि इससे जीवन में उन्नति मिलती है। There are many things which are considered very auspicious to do during kharmas, it is said that it brings progress in life

खरमास के दौरान कई ऐसे काम हैं जिन्हें करना बेहद शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि इससे जीवन में उन्नति मिलती है। There are many things which are considered very auspicious to do during kharmas, it is said that it brings progress in life

मान्यतानुसार जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास शुरू हो जाते हैं। खरमास एक महीने लगता है और यह वह समय है जिसमें बहुत से धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस साल खरमास 16 दिसंबर, शनिवार से शुरू हो रहे हैं और इनका समापन 15 जनवरी, 2024 में होगा। खरमास के दिनों में सूर्य देव और देवगुरू बृहस्पति की विशेष पूजा की जाती है। खरमास के दौरान ऐसे बहुत से काम हैं जिन्हें करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यतानुसार इन कामों को करने पर सूर्य देव और बृहस्पति देव प्रसन्न हो सकते हैं। * खरमास में कुछ काम माने जाते हैं बेहद शुभ:  खरमास के दिनों में सूर्य देव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान प्रतिदिन स्नान पश्चात सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य को लाल फूल और लाल चंदन से अर्घ्य देना शुभ होता है। इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत हो सकती है। खरमास के दिनों में सूर्य के एकाक्षरी बीज मंत्र का जाप करना शुभ होता है। बीज मंत्र ॐ घृणि: सूर्याय नम: का जाप लाल चंदन की माला से किया जा सकता है। रविवार के दिन खासतौर से सूर्य देव की पूजा की जाती है। इसीलिए खरमास के दौरान हर रविवार व्रत रखना बेहद शुभ होता है। रविवार के दिन गुड़, गेंहू, लाल या नारंगी कपडे़ का दान भी किया जा सकता है। खरमास में देवगुरू बृहस्पति की पूजा करना भी बेहद शुभ होता है। बृहस्पति देव की पूजा करने पर माना जाता है कि जीवन में उन्नति आती है। पूजा के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखा जा सकता है। खरमास में बृहस्पति चालीसा का पाठ किया जा सकता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जा सकती है। बृहस्पति पूजा में ॐ ब्रं बृहस्पति नमः मंत्र का जाप किया जा सकता है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   खरमास के दौरान कई ऐसे काम हैं जिन्हें करना बेहद शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि इससे जीवन में उन्नति मिलती है। There are many things which are considered very auspicious to do during kharmas, it is said that it brings progress in life

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जानिए कब मनाई जाएगी मकर सक्रांति, पूजा का शुभ समय और विधि के बारे में - Know when makar sankranti will be celebrated, about the auspicious time and method of puja

जानिए कब मनाई जाएगी मकर सक्रांति, पूजा का शुभ समय और विधि के बारे में – Know when makar sankranti will be celebrated, about the auspicious time and method of puja

हर साल मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब पौष माह में मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन को आदित्य देव की पूजा के लिए समर्पित किया जाता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। हिंदू धर्म में इसका खास महत्व है। कहते हैं की मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। यही वजह है कि भक्त इस दिन नदियों में स्नान करते हैं। पूरे विधि-विधान से पूजा कर दान धर्म करते हैं और इस दिन जप करने का भी महत्व है। इस बार मकर संक्रांति की तारीख को लेकर अगर मन में किसी तरह का कंफ्यूजन है तो चलिए आपको बताते हैं साल 2024 में मकर संक्रांति कब पड़ रही है। * सूर्य का राशि परिवर्तन 2024:  ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। 15 जनवरी 2024 को दोपहर 2:43 पर धनु राशि से निकलकर सूर्य मकर राशि में विराजमान होंगे। * मकर संक्रांति 2024 शुभ मुहूर्त:  मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त की बात करें तो सुबह 7:15 से शाम 5:46 मिनट तक मकर संक्रांति की पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। महा पुण्य काल सुबह 7:15 से 9 बजे तक होगा। * मकर संक्रांति की पूजा विधि:  साल 2024 में मकर संक्रांति 14 जनवरी नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। पूजा करने के लिए सबसे पहले उठकर साफ सफाई कर लें। इसके बाद स्नान करें और अगर संभव हो तो आसपास किसी पवित्र नदी में स्नान करें। आचमन करके खुद को शुद्ध कर लें। इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। तो पीले वस्त्र धारण कर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद सूर्य चालीसा पढ़े और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। आखरी में आरती करें और दान करें। इस दिन दान करने का खास महत्व माना गया है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए कब मनाई जाएगी मकर सक्रांति, पूजा का शुभ समय और विधि के बारे में – Know when makar sankranti will be celebrated, about the auspicious time and method of puja

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जानिए घर के मंदिर में दीपक जलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। Know what things should be kept in mind while lighting a lamp in the home temple

जानिए घर के मंदिर में दीपक जलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। Know what things should be kept in mind while lighting a lamp in the home temple

पूजा-पाठ में दीया जरूर जलाया जाता है। पूजा में दीया जलाना बेहद शुभ होता है और दीया जलाने से कई तरह की विशेष मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि सही तरह से दीया जलाया जाए तो पूजा का फल भी मिलता है और भगवान की पूरी कृपा भी भक्तों को प्राप्त होती है। लेकिन, बहुत भक्त दीया जलाने से जुड़ी कई बातों से अनजान होते हैं. ऐसे में सही तरह से दीया ना जलाने पर पूजा का फल नहीं मिलता है और भगवान क्रोधित भी हो सकते हैं। यहां जानिए दीया जलाने का सही तरीका, सही समय और सही दिशा समेत कुछ बातों के बारे में। # दीया जलाने से जुड़े नियम :  * किस दिशा में रखें दीया:  माना जाता है कि दीया जलाने की दिशा विशेष महत्व रखती है। मंदिर के पास हमेशा पश्चिम दिशा की ओर मुख करके दीया जलाने के लिए कहा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने पर दीपक का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। * किस ओर रखें दीया:  आमतौर पर पूजा के समय मंदिर में तेल या घी के दीये जलाए जाते हैं परंतु घी और तेल के दीये को रखने का तरीका अलग-अलग होता है। मान्यतानुसार, दीया अगर घी का हो तो उसे भगवान के दाहिने हाथ की तरफ रखना शुभ होता है और यदि दीया तेल का है तो उसे भगवान के बाएं हाथ की ओर रखा जाता है। * दीये की बाती:  दीये पर किस तरह की और किस तरह से बाती लगाई जा रही है इसका भी विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि घी के दीये में फूल बाती लगानी चाहिए और वहीं अगर दीया तेल का हो तो उसमें लंबी खड़ी बाती लगाई जाती है। दीपक की बाती को कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके नहीं रखा जाता है, यह दिशा अच्छी नहीं मानी जाती है। * कैसा दीया नहीं चुनना चाहिए:  मंदिर में जिस दीये को जलाया जा रहा है वह बिल्कुल ठीक होना चाहिए और कहीं से भी टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए। खंडित दीया शुभ नहीं माना जाता है। खंडित दीपक जलाने पर माना जाता है कि भगवान नाराज हो सकते हैं और इस दीये का शुभ फल भी नहीं मिलता है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए घर के मंदिर में दीपक जलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। Know what things should be kept in mind while lighting a lamp in the home temple

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जानिए साल 2024 में कब रखा जाएगा संकष्टी चतुर्थी का व्रत - Know when sankashti chaturthi fast will be observed in the year 2024

जानिए साल 2024 में कब रखा जाएगा संकष्टी चतुर्थी का व्रत – Know when sankashti chaturthi fast will be observed in the year 2024

हर माह के कृष्ण पक्ष को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन विघ्नहर्ता की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। घर में सुख समृद्धि और खुशहाली भी आती है। तो चलिए जानते हैं 2024 में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी व्रत की सही डेट और मुहूर्त। * 2024 में संकष्टी चतुर्थी व्रत:  – संकष्टी चतुर्थी जनवरी 2024 में 29 जनवरी दिन सोमवार को – संकष्टी चतुर्थी जनवरी 2024 में 30 जनवरी दिन मंगलवार को – संकष्टी चतुर्थी फरवरी 2024 में 28 फरवरी दिन बुधवार को – संकष्टी चतुर्थी मार्च 2024 में 29 मार्च दिन शुक्रवार को – संकष्टी चतुर्थी अप्रैल 2024 में 28 अप्रैल दिन रविवार को – संकष्टी चतुर्थी मई 2024 में 27 मई दिन सोमवार को – संकष्टी चतुर्थी जून 2024 मे 25 जून दिन मंगलवार को – संकष्टी चतुर्थी जुलाई 2024 में 24 जुलाई दिन बुधवार को – संकष्टी चतुर्थी अगस्त 2024 में 23 अगस्त दिन शुक्रवार को – संकष्टी चतुर्थी सितम्बर 2024 में 21 सितम्बर दिन शनिवार को – संकष्टी चतुर्थी अक्तूबर 2024 में 20 अक्तूबर दिन रविवार को – संकष्टी चतुर्थी नवम्बर 2024 में 19 नवम्बर दिन मंगलवार को – संकष्टी चतुर्थी दिसम्बर 2024 में 19 दिसम्बर दिन गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी का महत्व – संकष्टी चतुर्थी का अर्थ कठिन समय से मुक्ति पाना है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करना बहुत फलदायी होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी नकारात्मकता जीवन और घर से दूर होती है। चतुर्थी के दिन सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखने से इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए साल 2024 में कब रखा जाएगा संकष्टी चतुर्थी का व्रत – Know when sankashti chaturthi fast will be observed in the year 2024

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जानिए फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि की तिथि और चारों पहर की पूजा के मुहूर्त के बारे में - Know about the date of mahashivratri of phalgun month and the auspicious time of worship of all four hours

जानिए फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि की तिथि और चारों पहर की पूजा के मुहूर्त के बारे में – Know about the date of mahashivratri of phalgun month and the auspicious time of worship of all four hours

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत महत्व है। शिव की अराधना के लिए परम शुभ महाशिवरात्रि वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली महाशिवरात्रि फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है और दूसरी सावन माह के कृष्ण पक्ष के की चतुर्दशी को। मान्यता है कि फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह संपन्न हुआ था इसलिए फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।  * फाल्गुनमहाशिवरात्रि कब है:  वर्ष 2024 में फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट से 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट तक है। पूजा के मुहूर्त के अनुसार फाल्गुन महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी। * शुभ मुहूर्त:  – महाशिवरात्रि की पहले पहले की पूजा 8 मार्च को शाम 6 बजकर 25 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट तक की जा सकती है। https://youtu.be/Yd_NDCeowSs – महाशिवरात्रि की दूसरे पहर की पूजा 8 मार्च को 9 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक की जा सकती है। – महाशिवरात्रि की तीसरे पहर की पूजा 9 मार्च को 12 बजकर 30 मिनट से प्रात: 3 बजकर 34 मिनट तक की जा सकती है। – महाशिवरात्रि की चौथे पहर की पूजा 9 मार्च को प्रात: 3 बजकर 34 मिनट से सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक की जा सकती है। * महाशिवरात्रि का महत्व:  मान्यता है कि फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती से विवाह संपन्न हुआ था। माता पार्वती ने पति के रूप में भगवान शिव को पाने के लिए कटोर तप किया था और महाशिवरात्रि के दिन उनकी तपस्या सफल हुई थी। इस दिन सुहागिने अखंड सौभाग्य के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखती हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि की तिथि और चारों पहर की पूजा के मुहूर्त के बारे में – Know about the date of mahashivratri of phalgun month and the auspicious time of worship of all four hours

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जानिए तुलसी का पौधा घर में किस दिशा में रखने से शुभ फल मिलता है। Know in which direction keeping the tulsi plant in the house gives auspicious results

जानिए तुलसी का पौधा घर में किस दिशा में रखने से शुभ फल मिलता है। Know in which direction keeping the tulsi plant in the house gives auspicious results

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को देवताओं की तरह पूजने की परंपरा है।  शास्त्रों में इसे वृंदा का नाम दिया गया है और इसकी पूजा की जाती है।  वास्तु शास्त्र में भी तुलसी को घर में सकारात्मकता लाने वाला पवित्र पौधा माना गया है।  तुलसी के पौधे के स्वास्थ्य लाभ तो हैं ही, इसे घर में धन धान्य लाने वाला पौधा भी कहा गया है।  ऐसे में जरूरी है कि तुलसी के पौधे को घर में रखते समय इसकी दिशा और दशा की सही जानकारी हो।  चलिए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार तुलसी के पौधे को घर में किस दिशा में रखना शुभ फल देता है।  * तुलसी के पौधे को घर में रखने की सही दिशा: तुलसी का पौधा घर में रखने से घर में फैली नकारात्मकता दूर होती है परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम भाव बढ़ता है। ऐसे घर में जहां तुलसी का पौधा पनपता है, वहां कभी आर्थिक दिक्कतें और कलह नहीं होती है।  तुलसी का पौधा धार्मिक महत्व के साथ-साथ आपके घर की आबोहवा को भी पवित्र और स्वस्थ रखता है।  ये रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है और हवा को पूरी तरह साफ करने में मदद करता है।  ऐसे में घर में तुलसी का पौधा कई सारे फायदों से भरपूर कहा गया है।  ज्योतिष में कहा गया है कि तुलसी के पौधे घर में एक से ज्यादा भी रखे जा सकते हैं।  लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा विषम संख्या में ही रखना चाहिए जैसे 1, 3,5, 7 या 9।  इस पौधे को जोड़े में नहीं रखना चाहिए।  तुलसी के पौधे की पूजा के साथ-साथ इसकी खाद पानी का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए। इसे कम से कम चार से पांच घंटे की धूप जरूर देनी चाहिए।  तुलसी के पौधे को घर में रखना चाह रहे हैं तो इसे पूर्व दिशा में रखें।  पूर्व दिशा को सकारात्मकता की दिशा कहा जाता है और इस दिशा में तुलसी का पौधा रखने पर घर में आध्यात्मिक विकास भी तेज होता है। घर के सदस्यों के बीच मनमुटाव कम होता है और प्रेम भाव बढ़ता है।  अगर आप किसी वजह से तुलसी के पौधे को पूर्व दिशा में नहीं रख सकते हैं तो इसे उत्तर पूर्व दिशा, उत्तर दिशा या फिर उत्तर पश्चिम दिशा में रख सकते हैं।  इसे भूलकर भी पश्चिम दिशा में नहीं रखना चाहिए क्योंकि नकारात्मकता की दिशा कहलाती है और ऐसा करने पर घर में आर्थिक उन्नति के रास्ते बंद हो जाते हैं।  (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए तुलसी का पौधा घर में किस दिशा में रखने से शुभ फल मिलता है। Know in which direction keeping the tulsi plant in the house gives auspicious results

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ऐसे करें पीपल और पान के पत्ते का उपाय, मिलेगा शुभ फल - Do the remedy of peepal and betel leaves in this way, you will get auspicious results

ऐसे करें पीपल और पान के पत्ते का उपाय, मिलेगा शुभ फल – Do the remedy of peepal and betel leaves in this way, you will get auspicious results

क्या आपकी लाइफ में भी ऐसा हो रहा है कि मेहनत करने के बाद भी आपको फल नहीं मिल रहा है और अब ऐसा लगने लगा है कि आपकी किस्मत पर ताले लग चुके हैं, जिसे खोलने में कड़ी मशक्कत के साथ कुछ उपाय भी काम आ सकते हैं? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप पान और पीपल के पत्तों से जुड़े कुछ उपाय करके उन्नति और सफलता की ओर आगे बढ़ सकते और अपनी किस्मत को चमका सकते हैं। वास्तु के इस उपाय को करके आप सफलता के रास्ते में आगे बढ़ सकते हैं। * क्यों शुभ माने जाते हैं पीपल और पान के पत्ते:  मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ में सभी देवी देवताओं का वास होता है, जिसकी पूजा करने से हर तरीके के कष्ट का निवारण होता है। इसी तरह से पान के पत्ते भी पूजा में इस्तेमाल किए जाते हैं, इतना ही नहीं पान के पत्ते बुरी नजर को दूर करने के लिए भी कारगर माने जाते हैं। * ऐसे करें पीपल के पत्तों का इस्तेमाल:  पीपल के पत्तों का उपाय करने के लिए गुरुवार के दिन एक पीपल के पत्ते को गंगाजल से साफ करें। उस पर पीले चंदन से ॐ श्रीं हीं श्रीं नम: लिखें और इस पत्ते के ऊपर एक चांदी का सिक्का रखकर अपनी तिजोरी में रखें। अगर आपके पास चांदी का सिक्का नहीं है तो आप पीपल के पत्ते पर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखें और घर के किसी भी पवित्र स्थान पर इसे रख दें। पता सूख जाने के बाद उसे नदी में विसर्जित कर दें। * ऐसे करें पान के पत्तों का इस्तेमाल:  अपनी किस्मत के ताले खोलने के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल भी आप कर सकते हैं। इससे बुरी नजर को दूर किया जा सकता है, इसके लिए सिंदूर में थोड़ा सा घी मिलाकर इसका पेस्ट सा बना लें। एक पान के पत्ते के ऊपर इससे स्वास्तिक बनाएं। इसके ऊपर कलावा और सुपारी रखकर भगवान श्री गणेश को अर्पित करें। कहते हैं कि इससे कारोबार में वृद्धि होती है और रुका हुआ धन भी आपको मिलता है। अगर आपको लगता है कि आप पर या अपने कारोबार में किसी की बुरी नजर लगी हुई है तो आप पान के पत्ते के साथ गुलाब की 7 पत्तियां लें और इसका सेवन करना शुरू कर दें। कहते हैं कि इसे खाने से बुरी नजर से छुटकारा पाया जा सकता है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   ऐसे करें पीपल और पान के पत्ते का उपाय, मिलेगा शुभ फल – Do the remedy of peepal and betel leaves in this way, you will get auspicious results

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मार्गशीर्ष माह में ये चीजें चढ़ाने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होंगे और हर मनोकामना पूरी होगी। If you offer these things in the month of margashirsha, lord shri krishna will be pleased and every wish will be fulfilled

मार्गशीर्ष माह में ये चीजें चढ़ाने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होंगे और हर मनोकामना पूरी होगी। If you offer these things in the month of margashirsha, lord shri krishna will be pleased and every wish will be fulfilled

हर साल नवंबर या दिसंबर महीने में मार्गशीर्ष माह की शुरूआत होती है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार ये महीना भगवान श्री कृष्ण की पूजा-पाठ के लिए समर्पित होता है। मार्गशीर्ष माह को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। इस साल ये महीना 28 नवंबर 2023 से शुरू हुआ है जो 26 दिसंबर 2023 को खत्म होगा। इस दौरान भक्त भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना करेंगे। मान्यता है कि भगवन को इस समय भोग लगाने से वो अति प्रसन्न होते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए आपको भोग लगाने के लिए कुछ चीजें सुझाते हैं। * मार्गशीर्ष माह में भगवान कृष्ण को लगाएं ये भोग:  भगवान कृष्ण को धनिया की पंजीरी बहुत पसंद है। ज्योतिष शास्त्र में धनिया को धन का प्रतिक माना जाता है। इसलिए अगर आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो मार्गशीर्ष माह के दौरान श्री कृष्ण को धनिया के पंजीरी का भोग लगाएं। * माखन-मिश्री:  श्री कृष्ण को माखन-मिश्री सबसे अधिक प्रिय है। इससे वो सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं। मार्गशीर्ष माह में अगर आप उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाते हैं तो इससे वो अति प्रसन्न होंगे और आपकी सारी मनोकामना पूरी होगी। हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा में पंचामृत का भोग शुभ माना जाता है। श्री कृष्ण की पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती हैं। इसलिए भोग में पंचामृत जरूर शामिल करें। इस महीने में पंचामृत का भोग लगाने से आपके जीवन की हर मुश्किलों का अंत हो सकता हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। )   मार्गशीर्ष माह में ये चीजें चढ़ाने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होंगे और हर मनोकामना पूरी होगी। If you offer these things in the month of margashirsha, lord shri krishna will be pleased and every wish will be fulfilled

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जानिए खरमास के महीने में तुलसी पूजा करना सही है या नहीं - Know whether it is right to worship tulsi in the month of kharmas or not

जानिए खरमास के महीने में तुलसी पूजा करना सही है या नहीं – Know whether it is right to worship tulsi in the month of kharmas or not

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र माना गया है। हर घर में तुलसी माता की पूजा की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि घर में तुलसी पूजा करने पर शुभ फल प्राप्त होते हैं और घर परिवार में फैली नकारात्मकता दूर हो जाती है। ऐसे में हिंदू घरों में तुलसी का पौधा अक्सर आंगन में देखा जाता है। लेकिन तुलसी के पौधे की पूजा के कुछ खास नियम है। यूं तो हर माह में तुलसी पूजा करनी चाहिए लेकिन अक्सर लोग खरमास के दौरान तुलसी पूजा से कतराने लगते हैं। कहा जाता है कि खरमास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, इसलिए इस माह में तुलसी की पूजा भी नहीं करनी चाहिए। चलिए जानते हैं कि खरमास में तुलसी की पूजा करनी चाहिए या नहीं और खरमास में तुलसी की पूजा करने पर क्या होता है। * खरमास में तुलसी पूजन करें या नहीं:  लोगों के बीच मान्यता है कि खरमास में चूंकि मांगलिक और शुभ काम रोक दिए जाते हैं इसलिए तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए। लेकिन शास्त्रों में कहा गया है कि खरमास में मांगलिक कार्यक्रम रुकते हैं और धार्मिक कार्यक्रम किए जाते हैं। ऐसे में जब खरमास में ग्रह अपना अशुभ प्रभाव डालते हैं। ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्यक्रम करके इनका अशुभ प्रभाव कम करने की कोशिश करनी चाहिए। इसलिए खरमास में तुलसी पूजन जरूर करना चाहिए। इसे धार्मिक कार्य की तरह देखना चाहिए और घर-परिवार में ग्रहों का अशुभ प्रभाव और नकारात्मकता दूर करने के लिए पूरे माह तुलसी का पूजन करना चाहिए। * खरमास में तुलसी पूजन का फल और नियम:  शास्त्रों में कहा गया है कि खरमास में तुलसी का पूजन करने पर भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जातक के घर में खुशहाली आती है। तुलसी पूजन से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है और घर में सकारात्मकता आती है। खरमास में रोज तुलसी पूजन कर सकते हैं लेकिन इससे संबंधित एक खास नियम का ध्यान रखना चाहिए। खरमास में तुलसी की पूजा करते समय तुलसी के पत्तों को स्पर्श करने से बचना चाहिए। ऐसा करने पर तुलसी का पौधा दूषित माना जाता है। इसलिए आप अगर खरमास में तुलसी का पूजन कर रहे हैं तो दीपक बाती जरूर करें लेकिन तुलसी के पत्तों को हाथ ना लगाएं और ना ही इन पत्तों को तोड़ें। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए खरमास के महीने में तुलसी पूजा करना सही है या नहीं – Know whether it is right to worship tulsi in the month of kharmas or not

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जानिए श्रीफल चढ़ाने और फोड़ने के नियमों के बारे में - Know about the rules of offering and to burst quince

जानिए श्रीफल चढ़ाने और फोड़ने के नियमों के बारे में – Know about the rules of offering and to burst quince

हिंदू धर्म में पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है। पूजा के लिए कई सारे नियम कायदे हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है।  पूजा के दौरान हम भगवान को भोग लगाते हैं और अगर घर में पूजा कर रहे हैं तो नारियल चढ़ाते हैं।  इसके अलावा अगर हम मंदिर में दर्शन करने जाते हैं तो भी हम नारियल अर्पित करते हैं। मंदिरों में नारियल चढ़ाने की मान्यता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अलग-अलग मंदिरों में नारियल अर्पित करने और फोड़ने के विधान भी अलग-अलग हैं। भक्त जब भी मंदिरों में नारियल चढ़ाते हैं तो उनके मन में ये संशय बना रहता है कि नारियल फोड़े या फिर चढ़े रहने दें।  कई बार ऐसे में लोग समझ नहीं पाते की क्या करना सही होगा।  आज इस खबर में हम आपको बताएंगे किन देवताओं के मंदिर में नारियल नहीं फोड़ना चाहिए।  * इन मंदिरों में भूलकर न फोड़ें नारियल:  शास्त्रों के मुताबिक श्री कृष्ण मंदिर और शिवालयों में नारियल को प्रसाद के रूप में भगवान को अर्पित किया जाता है, इसलिए यहां पर नारियल नहीं फोड़ा जाना चाहिए।  वहीं हनुमान जी, माता रानी और काल भैरव के मंदिर में नारियल चढ़ाकर फोड़ा जाता है।  ज्योतिषाचार्योंं के मुताबिक भगवान शिव और श्री कृष्ण मंदिर में नारियल को प्रसाद के रूप में भगवान भोलेनाथ और कृष्ण भगवान को अर्पण किया जाता है।  वहीं माता रानी, हनुमान जी और भैरव बाबा के मंदिर में नारियल को बलि के रूप में फोड़ा जाता है।  * इन बातों का रखें खास ध्यान:  अगर आप मंदिरों में नारियल चढ़ाने को लेकर संशय में है तो ये जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए।  तो अब आप जब भी शिवालय या फिर भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में नारियल अर्पित करें तो उसे चढ़े रहने वहां पर नारियल को फोड़ें नहीं।  वहीं अगर आप माता रानी के दर्शन करने गए हैं या फिर हनुमान जी, या काल भैरव के मंदिर पहुंचे हैं तो आप नारियल चढ़ा कर वहां उसे फोड़ भी सकते हैं।  (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए श्रीफल चढ़ाने और फोड़ने के नियमों के बारे में – Know about the rules of offering and to burst quince

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