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करवा चौथ पर ये प्यार भरे मैसेज भेजकर अपने जीवनसाथी को खास महसूस कराएं - Make your spouse feel special by sending these loving messages on karva chauth

करवा चौथ पर ये प्यार भरे मैसेज भेजकर अपने जीवनसाथी को खास महसूस कराएं – Make your spouse feel special by sending these loving messages on karva chauth

करवा चौथ को लेकर लेडीज में बहुत क्रेज रहता है, इतना ही नहीं उनके पति भी उनके लिए कुछ स्पेशल करना चाहते हैं। ऐसे में अगर करवा चौथ के मौके पर हस्बैंड अपनी वाइफ को डिजिटली विश करना चाहते हैं और उन्हें स्पेशल फील करना चाहते हैं, तो उनके लिए यह बधाई शुभकामना संदेश और कोट्स व्हाट्सएप के स्टेटस पर लगा सकते हैं और उनके दिन को और खास बना सकते हैं। तो चलिए नोट कर लीजिए यह 10 सुपर इंटरेस्टिंग और प्यारे करवा चौथ व्हाट्सएप स्टेटस वह भी हिंदी में। * करवा चौथ 2023 व्हाट्सएप स्टेटस:  – “मेरी खूबसूरत पत्नी को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारी प्रेम कहानी उज्ज्वल बनी रहे। हैप्पी करवा चौथ 2023 – “करवा चौथ मनाने वाले सभी प्रेमी जोड़ों को बधाई, चांदनी आपको करीब लाए और आपका बंधन मजबूत हो। हैप्पी करवा चौथ!” – “यह करवा चौथ आपके दिल को प्यार, हंसी और यादों से भर दें। सभी को करवा चौथ उपवास और एक आनंदमय दिन की शुभकामनाएं। हैप्पी करवा चौथ 2023″ – “यह प्यार की ताकत, प्रार्थना की शक्ति और एकजुटता की सुंदरता है। सभी अद्भुत जोड़ों को करवा चौथ की शुभकामनाएं। – “इस शुभ दिन पर चांद हमें और भी करीब लाए और हमारे मिलन को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद दें। हैप्पी करवा चौथ! – “आज व्रत, प्रार्थना और शादी के खूबसूरत बंधन का जश्न मनाना। सभी जोड़ों को प्यार भरे करवा चौथ की शुभकामनाएं। – “जैसा कि चंद्रमा रात में आकाश को रोशन करता है, यह आपके जीवन को प्यार, शांति और खुशी से भी रोशन करें। मेरी प्यारी बीवी को करवा चौथ की शुभकामनाएं।” – “उन पति और पत्नी को जो एक साथ उपवास करते हैं और एक-दूसरे की भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं, आपको करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं!” – “इस करवा चौथ पर, हमारी प्रेम कहानी चांदनी की तरह चमकदार हो। हैप्पी करवा चौथ 2023″ – “इस शुभ दिन पर जब आप मेरी भलाई के लिए व्रत रखती हो, तो मैं चाहता हूं कि आप जानें कि मैं आपकी कितनी गहराई से सराहना करता हूं और आपसे प्यार करता हूं. मेरी प्यारी पत्नी हैप्पी करवा चौथ।हर बदलते दिन के साथ हमारा बंधन मजबूत हो।“   करवा चौथ पर ये प्यार भरे मैसेज भेजकर अपने जीवनसाथी को खास महसूस कराएं – Make your spouse feel special by sending these loving messages on karva chauth

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इस दिन रखा जाएगा नवंबर का पहला प्रदोष व्रत, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा - The first pradosh fast of november will be observed on this day, worship lord shiva in this way

इस दिन रखा जाएगा नवंबर का पहला प्रदोष व्रत, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा – The first pradosh fast of november will be observed on this day, worship lord shiva in this way

हर माह दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। एक प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव के लिए प्रदोष व्रत रखना बेहद शुभ होता है और इस दिन पूजा करने पर साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। पंचांग के अनुसार, 10 नवंबर, शुक्रवार के दिन प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। शुक्रवार के दिन पड़ने के चलते इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। जानिए इस प्रदोष व्रत में किस तरह की जाती है पूजा और कैसे करें भगवान शिव को प्रसन्न। * प्रदोष व्रत की पूजा विधि:  – प्रदोष व्रत के दिन सुबह-सवेरे स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। – इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है। – प्रदोष व्रत की असल पूजा रात के समय प्रदोष काल में होती है। इस चलते सुबह भक्त केवल शिव मंदिर दर्शन के लिए चले जाते हैं और रात में प्रदोष व्रत की पूजा करते हैं। – प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल होता है। प्रदोष काल 5 बजे के बाद शुरू होता है और आमतौर पर 8-9 बजे तक रहता है। – पूजा सामग्री में बेलपत्र, धूप, दीप, पान, सुपारी, लौंग, इलायची और गंध आदि शामिल किए जाते हैं। – व्रत रखने वाले भक्त दिनभर केवल फलाहार का सेवन करते हैं। – इस दिन ना केवल शिव शंकर बल्कि माता पार्वती की पूजा भी की जा सकती है। – पूजा सामग्री को भगवान शिव के समक्ष अर्पित करने के बाद आरती की जाती है और भोग लगाया जाता है। – भक्त पूजा में शिव मंत्रों का जाप भी करते हैं। – भोग लगाने के बाद सभी में प्रसाद का वितरण होता है और पूजा संपन्न होती है। * प्रदोष व्रत का महत्व:  महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत सोमवार के दिन हो तो उसे सोम प्रदोष व्रत कहते हैं, मंगलवार के दिन पड़ने पर इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है, इसी तरह बुध प्रदोष व्रत, गुरु प्रदोष व्रत, शुक्र प्रदोष व्रत, शनि प्रदोष व्रत और रवि प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। हर प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। शुक्रवार के दिन पड़ने वाले शुक्र प्रदोष व्रत को भ्रुगुवारा प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। इस व्रत को रखने पर सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इससे जीवन में धन और खुशहाली आते हैं और साथ ही हर कार्य में सफलता भी मिलती है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   इस दिन रखा जाएगा नवंबर का पहला प्रदोष व्रत, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा – The first pradosh fast of november will be observed on this day, worship lord shiva in this way

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करवा चौथ व्रत के दौरान वास्तु के इन नियमों का पालन करने से वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाएगा - Married life will be filled with happiness if you follow these rules of vastu during karva chauth fast

करवा चौथ व्रत के दौरान वास्तु के इन नियमों का पालन करने से वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाएगा – Married life will be filled with happiness if you follow these rules of vastu during karva chauth fast

पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को देश भर में सुहागिनें करवा चौथ का व्रत करती हैं। इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर यानी बुधवार के दिन रखा जाएगा. करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है और इस दिन चांद को देखकर ही व्रत का पारण किया जाता है। करवा चौथ का व्रत पति और पत्नी के पारस्परिक प्रेम का प्रतीक है और इसीलिए इस दिन कुछ वास्तु नियमों का पालन करने से घर परिवार में शांति के साथ साथ वैवाहिक जीवन में भी शांति और खुशहाली आती है। आपको बता दें कि वास्तु विज्ञान में करवा चौथ के लिए कुछ खास नियम और उपाय बताए गए हैं जिनका पालन करके महिलाएं अपने निजी जीवन में खुशहाली ला सकती हैं। चलिए जानते हैं कि ये करवा चौथ के ये वास्तु टिप्स क्या हैं। * करवा चौथ के वास्तु टिप्स:  – व्रत करने वाली महिलाओं को करवा चौथ की थाली पूरी तरह तैयार करनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए करवा यानी कलश मिट्टी का होना चाहिए और इसका रंग लाल होना चाहिए। इसके अलावा करवे पर लाल रंग का ही कलावा बांधना चाहिए। इसके साथ साथ करवा चौथ की थाली में घी का दीपक, लाल फूल, कुमकुम,हल्दी, चंदन, मिष्ठान, शहद, अक्षत, मेवे और पानी से भरा एक कलश जरूर होना चाहिए। – सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाते वक्त दिशा का ध्यान रखना चाहिए। वास्तु में कहा गया है कि सरगी ग्रहण करते वक्त व्यक्ति का मुंह दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए। – करवा चौथ की पूजा करते समय महिलाओं का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। इससे घर परिवार में शांति बनी रहती है। आप चाहें तो घर के मंदिर में ही पूजा कर सकते हैं,ये काफी शुभ होता है। – करवा चौथ के दिन चांद निकलने पर अर्घ्य देते समय महिलाओं का मुख उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए। ये दिशा चंद्रदेव की दिशा कहलाती है और इस दिशा में मुख करके अर्घ्य देने पर चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और घर परिवार में शांति और खुशहाली का वर देते हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   करवा चौथ व्रत के दौरान वास्तु के इन नियमों का पालन करने से वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाएगा – Married life will be filled with happiness if you follow these rules of vastu during karva chauth fast

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इन चीजों को जरूर शामिल करें करवा चौथ की पूजा की थाली में, नहीं तोह अधूरी रह जाएगी पूजा - Be sure to include these things in the puja thali of karva chauth, otherwise the puja will remain incomplete

इन चीजों को जरूर शामिल करें करवा चौथ की पूजा की थाली में, नहीं तोह अधूरी रह जाएगी पूजा – Be sure to include these things in the puja thali of karva chauth, otherwise the puja will remain incomplete

पति-पत्नी के बीच विश्वास की डोर को मजबूत बनाने वाला व्रत करवाचौथ 1 नवंबर को रखा जाएगा। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और जन्म- जन्मांतर तक उन्हें अपने पति के रूप में पपाने के लिए करती हैं। पति-पत्नी के अटूट बंधन का ये व्रत हर विवाहित नारी के मन को एक सुखद अनुभूति का एहसास दिलाता है। ऐसे में करवा चौथ में कुछ चीजों का विशेष महत्व होता है। तो चलिए आपको बताते हैं की पूजा की थाली में आपको किन-किन सामग्रियों की जरूरत होगी। * करवा चौथ की थाली में क्या क्या होना चाहिए?  – सबसे पहले करवा चौथ की पूजा सामग्री में करवा माता की पूजा के लिए उनकी तस्वीर होनी चाहिए। – करवा चौथ व्रत में सिक का होना बहुत जरूरी होता है। करवा माता की तस्वीर के अलावा सिख भी माता की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। – बिना करवा के करवा चौथ की पूजा का कोई अर्थ नहीं होता. करवा नदी का प्रतीक माना जाता है। – करवा चौथ पूजा में छलनी का होना भी जरूरी होता है. व्रत में महिलाएं अपने पति के चेहरे को छलनी से देखती हैं। – बिना दीपक के कोई भी व्रत या पूजा पूरी नहीं हो सकती. करवा पूजा में दीपक की रोशनी का विशेष महत्व होता है। – करवा चौथ की पूजा सामग्री में तांबे का लोटा होना जरूरी है. इस लोटे से सबसे पहले महिलाएं चंद्रमा को अर्घ देती है उसके बाद ही व्रत पूरी मानी जाती है। – पूजा की थाली में फल- फूल, सुहाग का सामान, जल, दीपक और मिठाई होनी चाहिए। – इन चीजों से करवा माता की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद लेकर अपने परिवार की मंगल कामना की प्रार्थना कर पूजा संपन्न की जाती है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   इन चीजों को जरूर शामिल करें करवा चौथ की पूजा की थाली में, नहीं तोह अधूरी रह जाएगी पूजा – Be sure to include these things in the puja thali of karva chauth, otherwise the puja will remain incomplete

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जानिए वाल्मिकी जयंती इस साल कब मनाई जा रही है, रामायण के रचयिता का इतिहास और उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें - Know when valmiki jayanti is being celebrated this year, the history of the author of ramayana and interesting things related to him

जानिए वाल्मिकी जयंती इस साल कब मनाई जा रही है, रामायण के रचयिता का इतिहास और उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें – Know when valmiki jayanti is being celebrated this year, the history of the author of ramayana and interesting things related to him

हिंदू धर्म में महर्षि वाल्मीकि को श्रेष्ठ गुरु माना जाता है, कहते हैं कि पहले वाल्मीकि जी डाकू थे, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि उनका जीवन बदल दिया और उन्होंने भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित रामायण महाकाव्य लिख दी। महर्षि वाल्मीकि का जीवन बहुत ही संघर्षों से भरा रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई जाती है, वैसे तो शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा होती है लेकिन इस दिन महर्षि वाल्मीकि की जयंती का भी विशेष महत्व होता है। कौन थे महर्षि वाल्मीकि महर्षि वाल्मीकि का असली नाम रत्नाकर था, कहा जाता है कि यह ब्रह्मा जी के मानस पुत्र प्रचेता के बेटे थे। वहीं कुछ जानकार वाल्मीकि जी को महर्षि कश्यप चर्षणी का बेटा भी मानते हैं। कहा जाता है कि एक भीलनी ने बचपन में महर्षि वाल्मीकि का अपहरण कर लिया था और भील समाज में ही उनका पालन पोषण हुआ। भील लोग जंगल के रास्ते से गुजरने वाले राहगीरों को लूट लिया करते थे और महर्षि वाल्मीकि भी इसी परिवार के साथ डकैत बन गए थे। https://youtu.be/Yd_NDCeowSs एक घटना ने बदली रत्नाकर की जिंदगी कहा जाता है कि एक बार नारद मुनि जंगल के रास्ते जाते हुए डाकू रत्नाकर के चंगुल में आ गए थे। तब नारद जी ने उनसे कहा कि इसमें कुछ हासिल नहीं होगा। रत्नाकर ने उनसे कहा कि वो ये सब परिवार के लिए करते हैं। तब नारद मुनि ने उनसे सवाल किया कि क्या तुम्हारे घर वाले भी तुम्हारे बुरे कर्मों के साझेदार बनेंगे? इस पर रत्नाकर ने अपने घर वालों के पास जाकर नारद मुनि का सवाल दोहराया, जिस पर उन्होंने इनकार कर दिया। इससे डाकू रत्नाकर को बड़ा झटका लगा और उनका हृदय परिवर्तन हो गया। राम से प्रेरित होकर लिखा महाकाव्य कहा जाता है कि नारद मुनि से प्रेरित होकर रत्नाकर ने राम नाम का जाप करना शुरू किया, लेकिन उनके मुंह से राम की जगह मरा मरा शब्द निकल रहे थे। नारद मुनि ने कहा यही दोहराते रहो इसी में राम छुपे हैं। इसके बाद रत्नाकर के मन में राम नाम की ऐसी अलख जगी कि उनकी तपस्या देखकर ब्रह्मा जी ने उन्हें खुद दर्शन दिए और उनके शरीर पर लगे बांबी को देखकर ही ब्रह्मा जी ने उन्हें वाल्मीकि नाम दिया। महर्षि वाल्मीकि को ब्रह्मा जी से ही रामायण की रचना करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने संस्कृत में रामायण लिखी, जिसे सबसे पुरानी रामायण माना जाता है और कहते हैं कि इसमें 24000 श्लोक हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए वाल्मिकी जयंती इस साल कब मनाई जा रही है, रामायण के रचयिता का इतिहास और उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें – Know when valmiki jayanti is being celebrated this year, the history of the author of ramayana and interesting things related to him

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राजेश्वरी धाम देवी राज रानी वैष्णो मंदिर जालंधर में बड़ी श्रद्धापूर्वक नवरात्रों का पर्व मनाया

नवरात्रों की अष्टमी के उपलक्ष में राजेश्वरी धाम देवी राजरानी वैष्णो मंदिर जालंधर में बड़ी श्रद्धापूर्वक नवरात्रों का पर्व मनाया गया जालंधर ( जे पी बी न्यूज़ 24) : मां देवी राजरानी जी आठवे नवरात्ररे पर गुफा में से सभी दूर से आए हुए भक्तों को दर्शन देने के लिए बाहर आए और मां की चौकी का आयोजन किया गया जिसमें मां का गुणगान करने पहुंची पार्टियां बेबी शाइना चौहान, लाडी विराज, अजय भारद्वाज और पंकज ठाकुर एंड पार्टी ने भगवती मां का गुणगान किया मंदिर प्रबंधक कमेटी के प्रधान श्री कैलाश बब्बर ने आई हुई पार्टियों को मां की चुनरी देकर सम्मानित किया और दूर से आई हुई संगत और मां के सभी सेवादारों को भी सम्मानित किया लंगर सारी रात चला प्रधान कैलाश बब्बर ने कहा कि मां का आशीर्वाद सब पर बना रहे

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विजयादशमी के शुभ अवसर पर इस तरह शुभकामनाएं देकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाएं। Celebrate the victory of good over evil by giving greetings like this on the auspicious occasion of vijayadashami

विजयादशमी के शुभ अवसर पर इस तरह शुभकामनाएं देकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाएं। Celebrate the victory of good over evil by giving greetings like this on the auspicious occasion of vijayadashami

आज 24 अक्टूबर, मंगलवार के दिन विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन को दशहरा के नाम से जाना जाता है और दशमी कहकर भी पुकारते हैं। दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है। इस दिन श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था जिसके बाद से हर वर्ष दशहरा को विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, दशहरा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है। आप भी इस खास दिन पर अपने दोस्तों, परिवार, नाते-रिश्तेदारों और परिचितों को दशहरा के शुभकामना संदेश भेजकर बधाई दे सकते हैं। * दशहरा के शुभकामना संदेश –  रावण की तरह मन के विकारों का नाश हो, प्रभु श्रीराम का हृदय में सर्वदा वास हो। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! रामजी की कृपा से आप पर हो खुशियों की बौछार, ऐसी शुभकामनाएं हमारी, आप करो स्वीकार। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! जैसे श्रीराम ने जीत ली थी लंका, वैसे आप भी जीतें सारी दुनिया इस दशहरा मिल जाएं आप को, दुनिया भर की सारी खुशियां। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! हर खुशी आपकी कदम चूमे, कभी ना हो दुखों का सामना। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! हर पल हो आपका जीवन सुनहरा घर आपके रहे सदा खुशियों का पहरा मुबारक हो आपको यह पावन दशहरा। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! भीतर के रावण को जो आग खुद लगाएंगे, सही मायने में वो ही दशहरा मनाएंगे। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! इस दशहरे हर मनुष्य बस एक नेक काम करे अंतर्मन में पनप रही हर बुराई का सर्वनाश करे। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! रावण का सर्वनाश हो, हर हृदय में श्री राम का वास हो। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! बुराई पर अच्छाई की जीत, दशहरा लाता है एक उम्मीद, रावण की तरह हमारे दुखों का अंत हो, एक नई शुरुआत हो एक नए सवेरे के साथ शुभ दशहरा। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! रावण के संहार पर दशहरा, अयोध्या वापसी पर मनाते दिवाली हैं, दुनिया सारे गुण उनके गाती, मेरे श्रीराम की हर बात निराली है। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   विजयादशमी के शुभ अवसर पर इस तरह शुभकामनाएं देकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाएं। Celebrate the victory of good over evil by giving greetings like this on the auspicious occasion of vijayadashami

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खास संयोग बन रहा है विजयादशमी पर, कुछ बातों का रखे ध्यान घर में आती है खुशहाली - A special coincidence is taking place on vijayadashami, keep some things in mind to bring happiness in the house

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नवरात्रि के नौ दिन देवी की अराधना के बाद अश्विन शुक्ल की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष 24 अक्टूबर, मंगलवार को विजयादशमी मनाई जाएगी और इस दिन बेहद खास संयोग बन रहे हैं। असत्य पर सत्य की जीत के इस पर्व को वैसे तो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस साल दशहरा पर खास योग बन रहा है। मान्यता है कि इस शुभ योग में विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और 24 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। दशहरा 24 अक्टूबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। * दो शुभ योग इस वर्ष दशहरा के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। सुबह 6 बजकर 27 मिनट से रवि योग (Ravi Yog) शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक रहेगा और शाम 6 बजकर 38 मिनट से फिर रवि योग शुरू होगा जो 25 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। * शमी की पूजा मान्यतानुसार दशहरा के दिन शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद पेड़ के नीचे दीया जलाकर रख दें। यह उपाय करने से जातकों को अपने विरोधियों और शत्रुओं पर विजय मिलती है कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। * सुंदर कांड का पाठ दशहरा के दिन सुंदर काठ का पाठ बहुत शुभ फल प्रदान करता है। यह उपाय करने से सभी रोग व दोषों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख समृद्धि के साथ खुशहाली का आगमन होता है। * नीलकंठ पक्षी दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को बहुत शुभ माना जाता है। दशहरा के शुभ योग में इस पक्षी के दर्शन से सभी कार्य सफल हो जाते हैं और तरक्की में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। * अनार का पौधा माना जाता है कि दशहरा के दिन अनार का पौधा लगाने से कर्ज से मुक्ति का मार्ग खुल जाता है। आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं। हालांकि, अनार के पौधे को घर के आगंन में लगाने की जगह खुली जगह पर लगाना चाहिए। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   खास संयोग बन रहा है विजयादशमी पर, कुछ बातों का रखे ध्यान घर में आती है खुशहाली – A special coincidence is taking place on vijayadashami, keep some things in mind to bring happiness in the house

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जानिए अष्टमी और नवमी कब पड़ रही है, कन्या पूजन का शुभ समय - Know when ashtami and navami are falling, auspicious time for kanya puja

जानिए अष्टमी और नवमी कब पड़ रही है, कन्या पूजन का शुभ समय – Know when ashtami and navami are falling, auspicious time for kanya puja

देश भर में इस वक्त शारदीय नवरात्रि के व्रत चल रहे हैं। नौ दिन मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा और व्रत के बाद अष्टमी और नवमी के दिन व्रत का पारण और कन्या पूजन किया जाता है। इन दोनों दिनों में मां के भक्त मां के लिए हवन करते हैं और मां की स्वरूप कन्याओं को भोज कराकर अपने व्रत का पारण करते हैं। इसीलिए नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है। चलिए जानते हैं कि इस बार शारदीय नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि किस दिन पड़ रही है और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है। # कब है अष्टमी, ये रहा कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त:  अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है और मां के निमित्त हवन करके कन्या पूजन किया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि में अष्टमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 को मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर की रात 9:53 बजे से आरंभ हो रही है और अगले दिन, यानि 22 अक्टूबर की शाम 7:58 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अष्टमी 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 7:51 से दोपहर 12.05 तक रहेगा। # कब है नवमी, ये रहा नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त:  नवमी के दिन मां भगवती के देवी स्वरूप मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस दिन मां के इस स्वरूप की पूजा करने से सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि पर नवमी तिथि 23 अक्तूबर 2023 को है और इसी दिन नवमी का कन्या पूजन किया जाएगा। कन्या पूजन करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6:27 बजे से आरंभ हो रहा है और ये दोपहर 2:55 बजे तक चलेगा। इस दौरान आप हवन और कन्या पूजन कर सकते हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए अष्टमी और नवमी कब पड़ रही है, कन्या पूजन का शुभ समय – Know when ashtami and navami are falling, auspicious time for kanya puja

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जानिए पूजा में खराब या सूखा नारियल का महत्व: क्या यह शुभ है या अशुभ - Know the importance of spoiled or dry coconut in puja: Is it auspicious or inauspicious

जानिए पूजा में खराब या सूखा नारियल का महत्व: क्या यह शुभ है या अशुभ – Know the importance of spoiled or dry coconut in puja: Is it auspicious or inauspicious

घर हो या मंदिर लोग प्रसाद के साथ नारियल भगवान को जरूर चढ़ाते हैं, लेकिन कई बार चढ़ाया गया नारियल फोड़ते वक्त खराब निकल जाता है। ऐसे में कई लोग नारियल को फेंक देते हैं या फिर उन्हें इस बात का डर सताने लगता है कि भगवान नाराज हो गए हैं और कुछ अशुभ हो गया है या होने वाला है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो इस बात को दिमाग से पूरी तरह निकाल दीजिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं की पूजा में चढ़ाया गया नारियल अगर खराब निकल जाए तो इसे अशुभ नहीं मानते बल्कि ये आपके लिए शुभ होता है। जानिए इसके पीछे आखिर क्या कारण है। * खराब नारियल देता है ये संकेत:  नारियल मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। यही वजह है की पूजा में नारियल का होना जरूरी होता है। ऐसा माना जाता है कि नारियल फोड़ते वक्त अगर खराब निकल जाए, तो इसका मतलब ये है कि भगवान ने प्रसाद को ग्रहण कर लिया है। यही वजह है कि नारियल अंदर से सूख गया है। नारियल खराब निकल जाना अशुभ नहीं बल्कि शुभ माना जाता है। ऐसा होना ये संकेत देता है कि जल्द ही आपकी मनोकामनाएं पूरी होने वाली हैं। * अच्छा नारियल सब में बांटें:  भगवान को प्रसाद में चढ़ाया गया नारियल फोड़ते समय अगर साफ और सही निकलता है तो उस प्रसाद को सभी के बीच बांट देना चाहिए। नारियल को सभी के बीच बांट देना भी शुभ माना जाता है। तो अगर अब अगली बार आपका नारियल फोड़ते वक्त खराब निकल जाए तो घबराने या डरने की जरूरत नहीं है। समझ जाइए कि ये ईश्वर का संकेत है की जल्दी आपकी मनोकामना पूरी होने वाली है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए पूजा में खराब या सूखा नारियल का महत्व: क्या यह शुभ है या अशुभ – Know the importance of spoiled or dry coconut in puja: Is it auspicious or inauspicious

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