JPB NEWS 24

Headlines

Devotional

जानिए नवरात्रि में प्याज लहसुन ना खाने के पीछे क्या है मान्यता - Know the belief behind not eating onion and garlic during navratri

जानिए नवरात्रि में प्याज लहसुन ना खाने के पीछे क्या है मान्यता – Know the belief behind not eating onion and garlic during navratri

नवरात्रि में भक्त नौ दिन तक व्रत और उपवास रखकर शक्ति की प्रतीक माता की पूजा अर्चना करते हैं। नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन करने की परंपरा के कारण भक्त प्याज लहसुन नहीं खाते हैं। हमेशा से आप सुनते आ रहे होंगे की व्रत में लहसुन और प्याज नहीं खाया जाता, लेकिन आखिर ऐसा करने का कारण क्या है चलिए आपको बताते हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि के दौरान प्याज लहसुन नहीं खाने के पीछे धार्मिक मान्यता क्या है। * प्याज लहसुन का है राहु केतु से संबंध –  पौराणिक ग्रंथों के अनुसार प्याज और लहसुन को राहु और केतु का प्रतीक माना जाता है। देवताओं और असुरों के समुद्र मंथन से कई दिव्य चीजें निकली थी। इसमें अमृत का कलश भी था। भगवान विष्णु नहीं चाहते थे कि असुर अमृत पान करें इसलिए वे अमृत बांटने के लिए मोहिनी का रूप धारण कर देवताओं को अमृतपान कराने लगे। एक असुर वेश बदल कर देवताओं की लाइन में लग कर अमृत पी लिया लेकिन भगवान विष्णु उसे पहचान लिए और सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। इस असुर को सिर राहु और धड़ केतु के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि अमृत पान के कारण वे अमर हो गए हैं और अब भी लोगों के राशिफल में परेशानियां खड़ी करते हैं। असुर का सिर कटने के कारण दो बूंद रक्त धरती पर गिर पड़ा जो प्याज और लहसुन बन गया। * प्याज लहसुन तामसिक भोजन –  प्याज लहसुन को तामसिक भोजन माना जाता है और इससे मानव में तामसिक इच्छाएं जन्म लेती हैं और इसके कारण सकारात्मक एनर्जी में कमी आती है। नवरात्रि के दौरान वातावरण को शुद्ध और सात्विक रखने के लिए प्याज लहसुन नहीं खाना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार भी प्याज लहसुन को शरीर में गर्मी बढ़ाने वाला माना गया है। नवरात्रि के दोरान भक्तों को सरल और सादा जीवन जीना चाहिए, इसलिए प्याज लहसुन नहीं खाना चाहिए। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए नवरात्रि में प्याज लहसुन ना खाने के पीछे क्या है मान्यता – Know the belief behind not eating onion and garlic during navratri

जानिए नवरात्रि में प्याज लहसुन ना खाने के पीछे क्या है मान्यता – Know the belief behind not eating onion and garlic during navratri Read More »

जानिए दशहरा की सही तारीख और समय के बारे में - Know about the exact date and time of dussehra

जानिए दशहरा की सही तारीख और समय के बारे में – Know about the exact date and time of dussehra

इस बार दशहरा का त्योहार कब मनाया जाएगा और रावण दहन की टाइमिंग क्या होगी, इन सारे सवालों के जवाब यहाँ आपको मिल जाएंगे। विजयादशमी का पर्व नवरात्रि के समापन के बाद मनाया जाता है। इस दिन जगह-जगह पर रावण के पुतले को दहन किया जाता, लेकिन इस बार दशहरा की तारीख को लेकर थोड़ी कंफ्यूजन है। कुछ लोग 23 को तो कुछ 24 को दशहरा मनाने की बात कह रहे हैं। ऐसे में हम जानेंगे की विजयादशमी पर्व की सही तारीख और मुहूर्त के बारे में। # विजयादशमी कब है:  पंचांग के अनुसार, अश्विन माह की शुक्ल पक्ष तिथि की शुरूआत 23 अक्टूबर 2023 को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 3 बजकर14 मिनट तक रहेगा। उदयातिथि के अनुसार इस साल 24 अक्टूबर 2023 को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। # रावण दहन का शुभ मुहूर्त: आपको बता दें कि रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है। 24 अक्टूबर को 5 बजकर 43 मिनट से अगले ढ़ाई घंटे तक दशहरे का मुहूर्त होगा। # क्यों मनाते हैं दशहरा – ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी दुर्गा ने महिषाशुर नाम के राक्षस का वध किया था और भगवान राम ने रावण को युद्ध में पराजित किया था। इसलिए दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए भी जाना जाता है। दशमी के दिन गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, कान छेदन जैसे मांगलिक कार्य शुभ माने जाते हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए दशहरा की सही तारीख और समय के बारे में – Know about the exact date and time of dussehra

जानिए दशहरा की सही तारीख और समय के बारे में – Know about the exact date and time of dussehra Read More »

जानिए अक्टूबर में किस तारीख को लगेगा साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण, भारत में असर होगा या नहीं - Know on which date in october the second and last lunar eclipse of the year will occur, will it affect india or not

जानिए अक्टूबर में किस तारीख को लगेगा साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण, भारत में असर होगा या नहीं – Know on which date in october the second and last lunar eclipse of the year will occur, will it affect india or not

14 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था जो भारत में नजर नहीं आया था जिसके चलते सूतक काल मान्य नहीं था। लेकिन 29 अक्टूबर को लगने वाले साल के दूसरे और आखिरी चंद्र ग्रहण का असर भारत में रहेगा। ऐसे में सूतक काल मान्य होगा जिसके चलते धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। आपको बता दें कि 15 दिन के अंतराल में लगने वाले दो ग्रहण अशुभ संकेत दे रहे हैं। इससे देश दुनिया में हलचल बढ़ सकती है। हालांकि, इनका असर भारत में आंशिक होगा। तो चलिए जानते हैं साल के अंतिम चंद्र ग्रहण की टाइमिंग और सूतक काल के बारे में। अंतिम चंद्रग्रहण 29 तारीख दिन रविवार को रात 1 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा, जो 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। भारत में ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 16 मिनट होगी। ऐसे में ग्रहण शुरू होने पहले से सूतक काल शुरू हो जाएगा। 28 अक्टूबर को ही शाम 7 बजे से मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण समाप्त होने के बाद ही कपाट खोले जाएंगे। आपको बता दें कि ग्रहण समाप्त होने के बाद दान करने का विधान है, ऐसी मान्यता है कि दान करने से ग्रहण के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं। # चंद्र ग्रहण के दौरान क्या नहीं करें:  – ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। – ग्रहण के दौरान ना खाना बनाना चाहिए और ना ही खाना। – इस दौरान आप मंत्रोच्चारण कर सकते हैं। – गर्भवती महिलाओं को ग्रहण देखने से बचना चाहिए। – इस दौरान प्रेग्नेंट लेडी को लोहे का सामान अपने आस-पास रखना चाहिए। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए अक्टूबर में किस तारीख को लगेगा साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण, भारत में असर होगा या नहीं – Know on which date in october the second and last lunar eclipse of the year will occur, will it affect india or not

जानिए अक्टूबर में किस तारीख को लगेगा साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण, भारत में असर होगा या नहीं – Know on which date in october the second and last lunar eclipse of the year will occur, will it affect india or not Read More »

जानिए मां दुर्गा के नौ अवतार के बारे में, जानें हर एक स्वरूप का महत्व - Know about the nine incarnations of maa durga, know the importance of each form

जानिए मां दुर्गा के नौ अवतार के बारे में, जानें हर एक स्वरूप का महत्व – Know about the nine incarnations of maa durga, know the importance of each form

शारदीय नवरात्रि को लेकर हर तरफ तैयारियां जोरो-शोरों पर हैं। इस बार 15 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर 2023 तक शारदीय नवरात्रि रहेगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है और उनके हर एक रूप का विशेष महत्व होता है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं मां शैलपुत्री से लेकर ब्रह्मचारिणी और महागौरी से लेकर सिद्धिदात्री तक के स्वरूप कैसे हैं और इन रूपों का महत्व क्या है। # मां दुर्गा के नौ रूप: * मां शैलपुत्री:  आत्मदाह के बाद देवी पार्वती ने भगवान हिमालय की बेटी के रूप में जन्म लिया था। इस रूप में वो मां शैलपुत्री कहलाईं थी। शैली का मतलब पर्वत होता है, इसलिए पर्वत की बेटी का नाम शैलपुत्री है। * मां ब्रह्मचारिणी:  नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं मां पार्वती ने अपने कुष्मांडा स्वरूप के बाद दक्ष प्रजापति के घर जन्म लिया था। इस अवतार में देवी पार्वती एक महान सती थीं। इस दिन उनके अविवाहित रूप की पूजा की जाती है। कहते हैं कि इस रूप में मां ब्रह्मचारिणी ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। * मां चंद्रघंटा:  मां चंद्रघंटा देवी मां पार्वती का विवाहित अवतार हैं। जब भगवान शिव से उनका विवाह हुआ था। इस रूप में देवी ने अपने माथे पर अर्धचंद्र सजाया हुआ था। इसलिए उन्हें मां चंद्रघंटा के नाम से बुलाया जाता है। * मां कुष्मांडा:  देवी पार्वती ने सिद्धिदात्री रूप धारण करने के बाद सूर्य के केंद्र के अंदर रहना शुरू कर दिया था ताकि सूर्य पूरे ब्रह्मांड को ऊर्जा दे सके। मां कुष्मांडा के सूर्य के अंदर रहने की शक्ति और क्षमता के चलते ही उन्हें मां कुष्मांडा कहा जाता है। इस रूप में देवी के आठ हाथ हैं और उन्हें अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। * मां स्कंदमाता:  जब देवी पार्वती भगवान कार्तिकेय की मां बनीं तो उन्हें स्कंदमाता के रूप से जाना जाने लगा। इस रूप में देवी मां शेर पर सवार रहती हैं और अपनी गोद में शिशु मुरुगन को रखती हैं। वो कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं और पद्मासना के नाम से भी उन्हें जाना चाहता है। * मां कात्यायनी:  राक्षस महिषासुर का वध करने के बाद मां के कात्यायनी रूप की पूजा की जाती है। ये देवी का सबसे उग्र रूप होता है और उन्हें योद्धा देवी के नाम से भी जाना जाता है। * मां कालरात्रि:  देवी पार्वती ने जब शुंभ और निशुंभ राक्षसों का वध किया था, तो उन्होंने देवी कालरात्रि का रूप धारण किया था। उन्हें देवी पार्वती के सबसे उग्र रूपों में से एक माना जाता है। मां कालरात्रि का रंग सांवला है और वो गधे पर सवार रहती हैं। उनके चार हाथ होते हैं। दाहिने हाथ अभय और वरद मुद्रा में होते हैं जबकि बाएं हाथ में तलवार और लोहे का हुक होता है। * मां महागौरी:  16 साल की उम्र में देवी शैलपुत्री बहुत सुंदर थीं और उनके स्वर्ण रूप को ही देवी महागौरी के नाम से जाना जाता है और उनकी खूबसूरती की तुलना शंख, चंद्रमा और कुंड के सफेद फूलों से की जाती है। * मां सिद्धिदात्री:  जब माता पार्वती भगवान शिव के बाएं भाग से प्रकट हुई थीं तो उस रूप को सिद्धिदात्री रूप के नाम से जाना जाता है। इस स्वरूप के बाद ही भगवान शिव को अर्धनारीश्वर नाम मिला था। कहते हैं इस रूप में देवी अपने भक्तों पर सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   जानिए मां दुर्गा के नौ अवतार के बारे में, जानें हर एक स्वरूप का महत्व – Know about the nine incarnations of maa durga, know the importance of each form

जानिए मां दुर्गा के नौ अवतार के बारे में, जानें हर एक स्वरूप का महत्व – Know about the nine incarnations of maa durga, know the importance of each form Read More »

नवरात्रि में कुछ चीजें घर लाना बेहद शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि प्रसन्न होती हैं देवी मां - Bringing some things home during navratri is considered very auspicious, it is said that mother goddess is pleased

नवरात्रि में कुछ चीजें घर लाना बेहद शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि प्रसन्न होती हैं देवी मां – Bringing some things home during navratri is considered very auspicious, it is said that mother goddess is pleased

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व होता है। माना जाता है कि इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने पर माता भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बरसाती हैं और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। मां दुर्गा की पूजा करने पर घर में खुशहाली आती है। आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर रात 11 बजकर 24 मिनट से शुरू हो जाएगी और अगले दिन 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, इस साल 15 अक्टूबर, रविवार से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है और इसी दिन नवरात्रि का पहला व्रत भी रखा जाएगा। विजयादशमी 24 अक्टूबर, मंगलवार के दिन पड़ रही है। नवरात्रि के मौके पर मान्यतानुसार कुछ चीजें घर में लाना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं। # नवरात्रि में किन चीजों को लाया जाता है घर:  * कलश:  नवरात्रि में कलश महत्वपूर्ण होता है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। ऐसे में नवरात्रि के मौके पर घर में कलश लाया जा सकता है। यह कलश मिट्टी, चांदी, सोना, पीतल और तांबे का हो सकता है। * मौली:  घर में मौली भी लाई जा सकती है। नवरात्रि में मौली लेकर आना शुभ होता है। कहते हैं इससे घर से आर्थिक संकट हट जाता है। मौली का इस्तेमाल पूजा के दौरान सामग्री के रूप में और कलाई पर बांधने के लिए होता है। * माता के पदचिन्ह:  घर में माता के पदचिन्ह लगाना माता के आगमन का प्रतीक होता है। इस चलते नवरात्रि में माता के पदचिन्ह घर लाना शुभ होता है। फर्श पर माता के लाल रंग के पदचिन्ह लगाए जा सकते हैं। * माता की प्रतिमा:  नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा की प्रतिमा या नव दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति आदि घर लाई जा सकती है। मान्यतानुसार माता प्रसन्न तो होती ही हैं, अपनी कृपा भी भक्तों पर बरसाती हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   नवरात्रि में कुछ चीजें घर लाना बेहद शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि प्रसन्न होती हैं देवी मां – Bringing some things home during navratri is considered very auspicious, it is said that mother goddess is pleased

नवरात्रि में कुछ चीजें घर लाना बेहद शुभ माना जाता है, कहा जाता है कि प्रसन्न होती हैं देवी मां – Bringing some things home during navratri is considered very auspicious, it is said that mother goddess is pleased Read More »

सूर्य ग्रहण के बाद होने वाला है राशि परिवर्तन, इन 4 राशियों के आने वाले हैं अच्छे दिन - Zodiac changes are going to happen after solar eclipse, good days are coming for these 4 zodiac signs

सूर्य ग्रहण के बाद होने वाला है राशि परिवर्तन, इन 4 राशियों के आने वाले हैं अच्छे दिन – Zodiac changes are going to happen after solar eclipse, good days are coming for these 4 zodiac signs

हिंदू शास्त्रों में ग्रहण का एक अलग महत्व देखने को मिला है। और अक्टूबर का महीना अपने आप में बहुत खास रहा है। यह ग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि पहली बार इस ग्रहण के दौरान रिंग ऑफ फायर देखने को मिलेगा। ग्रहण का आकार वलयाकर होगा। सबसे पहले आपको बता दें की 14 अक्टूबर, शनिवार को इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने वाला है। ग्रहण के ठीक 4 दिन बाद ग्रहों के राजा सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सूर्य का तुला राशि में गोचर करने के बाद इन 4 राशि वालों की किस्मत खुल जाएगी। * इन 4 राशियों को मिलेगा लाभ:  – धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए देश- विदेश घूमने का योग बन सकता है। अगर कहीं धनराशि रुकी हुई है तो वह वापस मिल सकती है और साथ ही करियर में बड़ी सफलता मिलेगी। समाज में मान सम्मान भी बढ़ेगा। – मकर राशि:  धन की प्राप्ति के संकेत मिल रहे हैं। व्यापार में मुनाफा होगा, करियर में भी सफलता मिलेगी और जीवन में स्थिरता बनेगी। – कन्या:  आपके करियर के साथ-साथ आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। परिवार के साथ एक अच्छा समय बीतेगा और स्वास्थ्य भी सही रहेगा। – कुंभ:  व्यापार और करियर में मनचाही सफलता मिल सकती है। नए मौके मिलने की संभावना है। छात्रों के लिए समय बहुत अच्छा माना जा रहा है। सरकारी नौकरी मिलने जैसे शुभ समाचार मिल सकते हैं। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   सूर्य ग्रहण के बाद होने वाला है राशि परिवर्तन, इन 4 राशियों के आने वाले हैं अच्छे दिन – Zodiac changes are going to happen after solar eclipse, good days are coming for these 4 zodiac signs

सूर्य ग्रहण के बाद होने वाला है राशि परिवर्तन, इन 4 राशियों के आने वाले हैं अच्छे दिन – Zodiac changes are going to happen after solar eclipse, good days are coming for these 4 zodiac signs Read More »

नवरात्रि के दौरान सपने बहुत खास माने जाते हैं, अगर सपने में दिखे ये चीजें तो बदल सकती है किस्मत Dreams are considered very special during navratri, if these things are seen in the dream then luck can change

नवरात्रि के दौरान सपने बहुत खास माने जाते हैं, अगर सपने में दिखे ये चीजें तो बदल सकती है किस्मत। Dreams are considered very special during navratri, if these things are seen in the dream then luck can change

सपनों का जीवन से गहरा संबंध होता है। खास समय में आने वाले सपने अपना अलग अर्थ रखते हैं। नवरात्रि के समय सपने में कुछ खास चीजों का दिखना बहुत शुभ होता है। खासकर माता रानी से जुड़ी चीजों का दिखाई पड़ना किस्मत बदलने के संकेत होते हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि में सपने में खास चीजों के दिखने का क्या मतलब होता है। * मातारानी का दिखना: नवरात्रि के समय अगर आपके सपने में स्वयं मां दर्शन दें तो समझ लीजिए माता रानी आपको आशीर्वाद दे रही हैं। आपके उपर अब हमेशा दुर्गा मां की कृपा बनी रहेगी। यह काफी शुभ संकेत वाला सपन है। * शेर पर माता रानी:  अगर आपको सपने में माता रानी शेर की सवारी करते दिखती हैं तो यह आपके जीवन में आने वाले अच्छे समय का संकेत है। इस सपने का आना बताता है कि आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने वाला है। * फल:  नवरात्रि के दौरान अगर सपने में फल नजर आना आपके और आपके परिवार में खुशहाली आने का संकेत है। यह जीवन में मिलने वाले सफलताओं की ओर भी इशारा करता है। * सुहाग चिन्ह:  नवरात्रि के समय सुहाग चिन्ह जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर या लाल चुनरी का दिखना बहुत शुभ होता है। यह वैवाहिक जीवन में खुशियां आने और मतभेद दूर होने का संकेत होता है। यह बताता है कि आने वाले समय में आपका वैवाहिक जीवन बहुत सुखमय होने वाला है। * हाथी: मां दुर्गा की पूजा अर्चना के विशेष पर्व नवरात्रि में सपने में हाथी का दिखना या माता को हाथी पर सवार देखना बहुत शुभ होता है। यह आपको अपने जीवन में मिलने वाली किसी बड़ी उपलब्धि का संकेत होता है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   नवरात्रि के दौरान सपने बहुत खास माने जाते हैं, अगर सपने में दिखे ये चीजें तो बदल सकती है किस्मत। Dreams are considered very special during navratri, if these things are seen in the dream then luck can change

नवरात्रि के दौरान सपने बहुत खास माने जाते हैं, अगर सपने में दिखे ये चीजें तो बदल सकती है किस्मत। Dreams are considered very special during navratri, if these things are seen in the dream then luck can change Read More »

इस महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा कल, जानिए पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त - The first pradosh fast of this month will be observed tomorrow, know the method and auspicious time of worship

इस महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा कल, जानिए पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त – The first pradosh fast of this month will be observed tomorrow, know the method and auspicious time of worship

पंचांग के अनुसार, 11 अक्टूबर, बुधवार के दिन आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत पड़ रहा है। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने पर इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं। बुध प्रदोष व्रत को सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है। हर महीने मान्यतानुसार 2 प्रदोष व्रत पड़ते हैं जिनमें से एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर। 11 अक्टूबर के दिन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत रखा जाना है। यहां जानिए इस व्रत में किस तरह और किस समय की जा सकती है भोलेनाथ की पूजा। पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट पर शुरु हो रही है और यह तिथि अगले दिन 12 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 53 मिनट तक रहने वाली है। प्रदोष काल में ही पूजा शुभ मानी जाती है इसीलिए प्रदोष व्रत बुधवार के दिन ही रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में 11 अक्टूबर शाम 5 बजकर 56 मिनट से रात 8 बजकर 25 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करना बेहद फलदायी माना जाता है। बुध प्रदोष व्रत की पूजा रात में प्रदोष काल के समय होती है लेकिन व्रत रखने वाले सुबह से ही भगवान भोलेनाथ की भक्ति में रम जाते हैं। सुबह के समय स्नान पश्चात भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है। सुबह के समय ही पास के शिव मंदिर जाकर शिव शंकर के दर्शन किए जाते हैं। प्रदोष काल में पूजा के समय भगवान शिव के समक्ष दीप जलाकर ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप किया जाता है और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। फूल, चंदन, बेल पत्र, धतूरा और फल आदि को पूजा सामग्री में सम्मिलित किया जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करके और उन्हें भोग लगाने के बाद पूजा की समाप्ति होती है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   इस महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा कल, जानिए पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त – The first pradosh fast of this month will be observed tomorrow, know the method and auspicious time of worship

इस महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा कल, जानिए पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त – The first pradosh fast of this month will be observed tomorrow, know the method and auspicious time of worship Read More »

नवरात्रि पर बन रहा है बेहद खास योग, निकालें ये 5 चीजें, मिलेगा लाभ - A very special yog is being made on navratri, remove these 5 things, you will get benefit

नवरात्रि पर बन रहा है बेहद खास योग, निकालें ये 5 चीजें, मिलेगा लाभ – A very special yog is being made on navratri, remove these 5 things, you will get benefit

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरु होगी। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार तीस वर्ष बाद नवरात्रि में तीन दुलर्भ योग बनने वाले हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में बुधादित्य योग, शश राजशेग और भद्र राजशेग लगने वाला है। ये सभी योग काफी खास हैं और इनका बहुत शुभ प्रभाव होता है, लेकिन इसका लाभ प्राप्त करने के लिए अशुभ चीजों को घर से बाहर निकालना जरूरी है। कई ऐसी अशुभ चीजें होती हैं जिनके कारण पूजा पाठ का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। आइए जानते हैं वास्तुशास्त्र के अनुसार कौन सी अशुभ चीजों को घर से निकाल देना चाहिए। * टूटे शीशे और दपर्ण – टूटे शीशे और दपर्ण से घर में नकारात्मक एनर्जी आती है। नवरात्रि के पहले अपने घर से टूटे शीशे व दपर्ण को जरूर बाहर निकाल दें। घर में पड़े टूटे शीशे या दपर्ण पूजा व धार्मिक कार्यों का प्रभाव आप तक पहुंचने में बाधक होते हैं। * टूटी मूर्तियां और तस्वीरें- भगवान की टूटी मूर्तियां व क्षतिग्रस्त तस्वीरों का बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। नवरात्रि के पहले सभी देवी- देवतओं की नई तस्वीरें और मूर्तियां स्थापित कर लेनी चाहिए। * प्याज लहसुन- नवरात्रि के समय सात्विक भोजन करना चाहिए। घर में प्याज और लहसुन नहीं रखना चाहिए। प्याज और लहसुन का उपयोग इस समय वर्जित माना जाता है। * रूकी हुई घड़ी – बंद या रुकी हुई घड़ियों को वास्तुशास्त्र के अनुसार अशुभ माना गया है। इनका हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नवरात्रि के पहले इन्हें याद करके अपने घर से बाहर निकाल दें। * टूटे चप्पल और जूते- खराब हो गए जूते चप्पलों को घर में बिलकुल नहीं रखना चाहिए। इनसे घर में दरिद्रता आती है। नवरात्रि के पहले टूटे और खराब जूते चप्पलों को निकालना बिलकुल न भूलें। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   नवरात्रि पर बन रहा है बेहद खास योग, निकालें ये 5 चीजें, मिलेगा लाभ – A very special yog is being made on navratri, remove these 5 things, you will get benefit

नवरात्रि पर बन रहा है बेहद खास योग, निकालें ये 5 चीजें, मिलेगा लाभ – A very special yog is being made on navratri, remove these 5 things, you will get benefit Read More »

नवरात्रि से पहले घर से निकाल देनी चाहिए यह चीजें, नहीं माना जाता है इन्हें अच्छा - These things should be removed from the house before navratri, they are not considered good

नवरात्रि से पहले घर से निकाल देनी चाहिए यह चीजें, नहीं माना जाता है इन्हें अच्छा – These things should be removed from the house before navratri, they are not considered good

पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। इस साल शारदीय नवरात्रि पर माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। माना जाता है कि हाथी पर सवार होकर आना शुभ होता है और आने वाले साल में खुशियां लेकर आता है। नवरात्रि के मौके पर घर की विशेष साफ-सफाई की जाती है और खास तैयारियां भी होती हैं। ऐसे में कुछ चीजों को घर से निकालना भी अच्छा माना जाता है। कहते हैं इन चीजों को घर से ना निकालने पर ये नकारात्मकता लाती हैं और त्योहार में अशुभ साबित होती हैं। जानिए कौनसी हैं वो चीजें जिन्हें मां दुर्गा के आगमन से पहले घर से निकाल देना चाहिए। # नवरात्रि से पहले घर से निकाल देनी चाहिए ये चीजें:  * बंद घड़ी:  घर में यदि कोई बंद घड़ी है तो उसे घर से निकाल देना ही अच्छा माना जाता है। आम दिनों में भी घर में बंद घड़ी रखनी अच्छी नहीं कही जाती है। ऐसे में नवरात्रि से पहले खासतौर से बंद घड़ी फेंक देनी चाहिए या ठीक करवा लेनी चाहिए। * खंडित मूर्तियां:  अगर आपके घर में भगवान की खंडित मूर्तियां हैं तो उन्हें नवरात्रि से पहले घर से हटा देना चाहिए। ये मूर्तियां नकारात्मकता का प्रतीक होती हैं और अशुभ मानी जाती हैं। * सूखा तुलसी का पौधा:  घर में सूखी तुलसी रखना बेहद अशुभ माना जाता है। कहते हैं सूखी तुलसी रखने पर भगवान विष्णु भी क्रोधित हो सकते हैं। इस चलते हरा भरा तुलसी का पौधा ही घर में लगाना चाहिए और अगर पौधा सूख जाए तो उसे घर से नवरात्रि से पहले निकाल देना चाहिए। * कूड़ा कचरा:  घर में गंदगी हो तो माता रानी नहीं आती हैं। ऐसे में नवरात्रि की शुरूआत से पहले ही घर से सभी तरह का कूड़ा-कबाड़ हटा देना चाहिए और घर को साफ रखना चाहिए। * बेकार जूते-चप्पल: अगर घर में कुछ बेकार, पुराने और फटे-पूराने जूते चप्पल रखे हैं तो उन्हें भी घर से निकाल देना चाहिए। इन्हें दरिद्रता लाने वाला माना जाता है और इसीलिए घर से निकाल देने की सलाह दी जाती है। (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)   नवरात्रि से पहले घर से निकाल देनी चाहिए यह चीजें, नहीं माना जाता है इन्हें अच्छा – These things should be removed from the house before navratri, they are not considered good

नवरात्रि से पहले घर से निकाल देनी चाहिए यह चीजें, नहीं माना जाता है इन्हें अच्छा – These things should be removed from the house before navratri, they are not considered good Read More »