केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच के तहत रविवार को 15 स्थानों पर छापेमारी की। इनमें अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पूर्व चिकित्सा अधीक्षक संजय वशिष्ठ से जुड़े परिसरों के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के आवास और कार्यालय शामिल थे। ये छापे सरकारी अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में मारे गए थे।
सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने मरीजों के लिए सामग्री की आपूर्ति से जुड़े ठेकेदारों और कर्मचारियों के निवासों पर भी तलाशी अभियान चलाया। सुबह छह बजे, सीबीआई की एक सात सदस्यीय टीम संदीप घोष के आवास पर पहुंची, लेकिन घर के दरवाजे नहीं खुलने के कारण वे 90 मिनट बाद ही अंदर प्रवेश कर सके। इसके बाद उन्होंने घोष से उनके बेलियाघाटा स्थित घर पर पूछताछ शुरू की, जबकि दूसरी टीम संजय वशिष्ठ से सवाल कर रही थी।
इसके अलावा, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के एक अन्य प्रोफेसर से भी पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने हावड़ा में एक आपूर्तिकर्ता के घर की भी तलाशी ली।
सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि वशिष्ठ को अस्पताल में हुई वित्तीय अनियमितताओं की कितनी जानकारी थी, जब वह एमएसवीपी (मेडिकल सुपरिटेंडेंट और वाइस प्रिंसिपल) के पद पर थे।
सीबीआई अधिकारियों की एक अन्य टीम ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल के कार्यालय की तलाशी ली और अकादमिक भवन के कैंटीन का भी दौरा किया। इसके साथ ही, प्रिंसिपल मानस कुमार बंद्योपाध्याय को भी जांच में शामिल होने के लिए अस्पताल बुलाया गया।
गौरतलब है कि अस्पताल उस समय सुर्खियों में आया था जब 36 घंटे की शिफ्ट के दौरान अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की गई थी। इस मामले में संजय रॉय नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद सीबीआई ने संदीप घोष और चार अन्य डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ये लोग महिला डॉक्टर की हत्या की किसी बड़ी साजिश में शामिल थे।
सीबीआई का बड़ा एक्शन आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में 15 ठिकानों पर छापेमारी –
CBI takes big action and raids 15 places in the case of rape and murder of a doctor in a medical college