कांग्रेस सांसद माणिकम टैगोर ने बुधवार को लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर बीआर अंबेडकर की विरासत का अपमान करने का आरोप लगाया। टैगोर का कहना है कि अमित शाह की टिप्पणी ने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई और अंबेडकर की भूमिका को कमजोर करने का प्रयास किया।
मंगलवार को संविधान के 75 साल पूरे होने पर राज्यसभा में दो दिवसीय चर्चा के समापन पर अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस के लिए अंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है। उन्होंने यह भी जोड़ा, अगर उन्होंने भगवान का नाम इतनी बार लिया होता तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता। टैगोर ने इसे संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर की विरासत और उनके योगदान का अपमान करार दिया।
टैगोर ने कहा, गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान न केवल डॉ. अंबेडकर की महानता का अपमान है बल्कि उन करोड़ों लोगों की भावनाओं को भी आहत करता है जो उन्हें सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक के रूप में मानते हैं। उनका बयान संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। टैगोर ने अमित शाह की टिप्पणी को ईशनिंदा करार दिया और इसे डॉ. अंबेडकर के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास बताया।
मंगलवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी। राहुल गांधी ने कहा, जो लोग मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, उन्हें अंबेडकर जी से परेशानी जरूर होगी।”
अमित शाह के बयान को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि अंबेडकर ने समानता और न्याय की जो नींव रखी, उसे कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण में कांग्रेस पर अंबेडकर का नाम बार-बार लेने को “फैशन” बताया और इसे राजनीतिक रणनीति करार दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने अंबेडकर के विचारों पर अमल नहीं किया।
टैगोर ने संसद में स्थगन प्रस्ताव लाकर अमित शाह के बयान पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी संविधान के 75 वर्षों के जश्न के दौरान डॉ. अंबेडकर की भूमिका को कम करने का प्रयास है।
कांग्रेस सांसद ने अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी के खिलाफ लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया –
Congress MP moves adjournment motion in lok sabha against amit shah remarks on ambedkar