
कांग्रेस ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने न केवल घरेलू निवेश को कमजोर किया है, बल्कि भय, छल और धमकी जैसी रणनीतियों के जरिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को भी लगभग नष्ट कर दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एआईसीसी संचार प्रमुख जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि अप्रैल से जनवरी 2024-25 के बीच भारत में शुद्ध FDI महज 1.4 बिलियन डॉलर रहा। इसकी तुलना में, जब कांग्रेस नेतृत्व वाली UPA सरकार सत्ता में थी, उसी अवधि (अप्रैल-जनवरी 2012-13) में यह आंकड़ा 19 बिलियन डॉलर था।
जयराम रमेश ने कटाक्ष करते हुए लिखा, मोदी सरकार ने घरेलू निवेश को नष्ट किया है और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को भय, छल और धमकी इस नए प्रकार के FDI के माध्यम से समाप्त कर दिया है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बाइडेन प्रशासन के दौरान, जब विश्व की बड़ी कंपनियां चीन से हटकर अन्य एशियाई बाजारों की ओर रुख कर रही थीं, भारत को वह फायदा नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि इसी दौरान वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश को अरबों डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ, जबकि भारत निवेश के क्षेत्र में पिछड़ता रहा।
उन्होंने यह भी व्यंग्यात्मक टिप्पणी की कि मोदी सरकार ने यह उपलब्धि जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले ही हासिल कर ली थी।
कांग्रेस के इस हमले के बाद एक बार फिर से केंद्र की आर्थिक नीतियों और विदेशी निवेश आकर्षित करने की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है।
कांग्रेस ने एफडीआई और घरेलू निवेश में गिरावट पर केंद्र सरकार को घेरा –
Congress surrounded the central government on the decline in FDI and domestic investment