महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति गठबंधन के सहयोगी दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच विभागों के वितरण को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार दिल्ली में पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल के आवास पर ठहरे हुए हैं।
बैठक में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की अनुपस्थिति ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। शिंदे, जो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे, ने अंततः उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार किया। उनकी इस बैठक से दूरी ने शिवसेना के भीतर चल रहे तनाव और असंतोष की अटकलों को बढ़ावा दिया है।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रिस्तरीय विभागों के वितरण का प्रारूप तैयार हो चुका है। प्रस्तावित फॉर्मूले के तहत भाजपा को 20, शिवसेना को 12 और एनसीपी को 10 विभाग मिलने की संभावना है। महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित कुल 43 मंत्रियों की नियुक्ति का प्रावधान है।
महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल की। भाजपा ने 132 सीटें, शिवसेना ने 57 सीटें और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। हालांकि, सत्ता-साझाकरण को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच मतभेद खुलकर सामने आए हैं।
5 दिसंबर को शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन, दिल्ली में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हो रही महत्वपूर्ण चर्चा में उनकी अनुपस्थिति सत्ता-साझाकरण के प्रति उनकी असहमति को दर्शा रही है। शिवसेना का दावा है कि गठबंधन की सफलता का मुख्य श्रेय शिंदे के नेतृत्व को जाता है, जिसके कारण वे मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक उम्मीदवार थे।
कल रात, फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर कैबिनेट विस्तार के विवरण पर चर्चा की। इन बैठकों का उद्देश्य महायुति गठबंधन को स्थिरता प्रदान करना था।
हालांकि, शिंदे की अनुपस्थिति से यह स्पष्ट है कि शिवसेना और भाजपा के बीच सत्ता संतुलन अभी भी चुनौती बना हुआ है। शिवसेना का मानना है कि शिंदे को मुख्यमंत्री न बनाए जाने से उनके राजनीतिक लाभ को सीमित किया गया है।
महायुति गठबंधन की सत्ता संरचना पर चल रही चर्चाओं के बीच शिंदे की गैरमौजूदगी ने गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना-भाजपा-एनसीपी के बीच चल रही यह खींचतान महाराष्ट्र की राजनीति को किस दिशा में ले जाती है।
दिल्ली में विभागों को अंतिम रूप देने पर चर्चा, फडणवीस और पवार मौजूद, शिंदे अनुपस्थित –
Discussion on finalizing departments in delhi, fadnavis and pawar present, shinde absence