
जतिन बब्बर – डॉ. भीमराव अंबेडकर न केवल भारतीय संविधान के निर्माता है, बल्कि भारतीय आर्थिक प्रणाली की नींव रखने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। बहुत कम लोग जानते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना के पीछे डॉ. अंबेडकर के आर्थिक विचारों और सुझावों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। डॉ. अंबेडकर ने वर्ष 1923 में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “The Problem of the Rupee: Its Origin and Its Solution” लिखी, जिसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और मुद्रा प्रणाली से जुड़े मुद्दों का गहन विश्लेषण किया। इस पुस्तक में उन्होंने भारत में एक सेंट्रल बैंक की स्थापना का सुझाव दिया था, ताकि देश की मौद्रिक नीति को नियंत्रित किया जा सके और आर्थिक स्थिरता लाई जा सके। बाद में, ब्रिटिश सरकार द्वारा 1935 में भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना के दौरान डॉ. अंबेडकर के विचारों और सुझावों को आधार बनाया गया। उनके आर्थिक दृष्टिकोण और सुझावों को हिल्टन यंग कमीशन (Royal Commission on Indian Currency and Finance) ने भी स्वीकार किया, जिससे आरबीआई के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
डॉ. अंबेडकर का मानना था कि किसी भी राष्ट्र की आर्थिक स्वतंत्रता उसके सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए अनिवार्य है। उन्होंने हमेशा वित्तीय नियमन, समतावादी अर्थव्यवस्था और गरीब व दलित वर्ग के आर्थिक उत्थान पर जोर दिया। आज भारतीय रिज़र्व बैंक देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और इसकी स्थापना में डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करना हम सभी के लिए गर्व की बात है। उनकी आर्थिक नीतियों और विचारों से आज भी नीति-निर्माताओं को मार्गदर्शन मिलता है।
मोजुदा सरकारों ने कभी भी बाबा साहिब अम्बेडकर जी के संघर्ष और उपलब्धियों के बारे में नोजवानो को बताने की कोशिश नहीं की गई। भीम आर्मी के साथ जुड़िये औरनगीना सांसद (UP) भाई चंदर शेखर जी का आने वाले समय में भीम आर्मी राष्ट्रीय सेक्टरी हितेश माही और भीम आर्मी सह इंचार्ज पंजाब सन्नी जसल जी के साथ मिलके पंजाब से उनको मजबूत किया जाये।
डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को सादर नमन!
जय भीम! जय भारत!जय संविधान!
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना में डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही – सागर बैंस –
Dr. bhimrao ambedkar played an important role in the establishment of the reserve bank of india – Sagar bains