
जतिन बब्बर – मान्यवर कांशीराम जी भारतीय राजनीति के महान नेता और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले समाज सुधारक थे। उन्होंने भारत में बहुजन समाज को संगठित कर उन्हें राजनीतिक ताकत दिलाने का कार्य किया।
मान्यवर कांशीराम जी का जन्म 15 मार्च 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले के खवासपुर गांव में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने विज्ञान में B.Sc. करने के बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में कार्य किया। सरकारी नौकरी के दौरान उन्होंने अनुभव किया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों को उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए उन्होंने 1978 में बामसेफ (BAMCEF), 1981 में डीएस-4 (DS-4) और 1984 में राजनीतिक पार्टी की स्थापना की। उनका उद्देश्य दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को राजनीतिक रूप से जागरूक करना और सत्ता में भागीदारी दिलाना था। मान्यवर कांशीराम जी ने “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी” का नारा दिया।
उन्होंने बहुजन समाज को एक नई दिशा दी और 1990 के दशक में एक मजबूत राजनीतिक शक्ति बना दिया। उनके शिष्य बहन मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। कांशीराम जी का निधन 9 अक्टूबर 2006 को हुआ। उनका जीवन सामाजिक न्याय और दलित उत्थान को समर्पित रहा। आज भी उनका संघर्ष और विचारधारा करोड़ों लोगों को प्रेरित कर रही है। आज के समय में महानायक सांसद (नगीना, UP), भीम आर्मी के चीफ, ASP के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट श्री चंदर शेखर जी बाबा साहिब अंबेडकर जी और मान्यवर कांशी राम जी के विचारधारा को आगे घर घर पहुंचाने का कार्य कर रहे है और आम जनता की लड़ाई लड़ रहें है। आइए हम अपने भाई जैसे क्रांतिकारी साथी का साथ दें और देश को सही राह पर लेकर आएं। पठानकोट और पंजाब वासियों से अपील है कि भीम आर्मी, ASP के साथ जुड़े और भाई चंदर शेखर जी का साथ दें और हो रहे अत्याचारों का मिलकर मुकाबला करें। जय भीम, जय भारत, जय संविधान।
मान्यवर कांशी राम जी भारतीय सामाजिक क्रांति के जनक है – सागर बैंस –
Honorable kanshi ram ji is the father of indian social revolution – Sagar bains