भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे T20 मैच में कन्कशन सब्सटीट्यूट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। तेज गेंदबाज हर्षित राणा को ऑलराउंडर शिवम दुबे की जगह कन्कशन सब्सटीट्यूट के तौर पर उतारा गया, जिससे इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने कड़ा ऐतराज जताया। बटलर ने कहा कि यह फैसला आईसीसी नियमों के खिलाफ था, क्योंकि कन्कशन रिप्लेसमेंट के रूप में एक जैसे कौशल वाला खिलाड़ी होना जरूरी है, जबकि दुबे ऑलराउंडर हैं और राणा तेज गेंदबाज।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोस बटलर ने कहा, यह एक समान प्रतिस्थापन नहीं है। हम इससे सहमत नहीं हैं। या तो शिवम दुबे की गेंदबाजी में अचानक 25 मील प्रति घंटे की तेजी आ गई है, या हर्षित ने अपनी बल्लेबाजी में काफी सुधार कर लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से पहले उनसे कोई परामर्श नहीं किया गया और यह पूरी तरह मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ का निर्णय था। हालांकि, बटलर ने माना कि यह हार का मुख्य कारण नहीं था, लेकिन वह इस फैसले को लेकर आईसीसी से स्पष्टता चाहते हैं।
चौथे T20 मैच में भारत की पारी के आखिरी ओवर की अंतिम गेंद पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेमी ओवरटन की गेंद शिवम दुबे के हेलमेट पर लगी। इसके बाद उन्हें अनिवार्य कन्कशन टेस्ट के बाद खेलने की अनुमति दी गई, लेकिन उसी गेंद पर वह रन आउट हो गए। इसके बाद भारतीय टीम ने हर्षित राणा को कन्कशन सब्सटीट्यूट के रूप में मैदान पर उतारा।
आईसीसी नियमों के मुताबिक, कन्कशन सब्सटीट्यूट उसी तरह का खिलाड़ी होना चाहिए जो प्रतिस्थापित किए गए खिलाड़ी की भूमिका से मेल खाता हो। हालांकि, दुबे एक ऑलराउंडर हैं, जबकि राणा केवल तेज गेंदबाज हैं, जिससे इंग्लैंड की टीम ने इस फैसले पर आपत्ति जताई।
BCCI की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला टीम इंडिया के पक्ष में गया और इस पर ICC को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
जोस बटलर ने शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा को कन्कशन सब्सटीट्यूट बनाने पर जताई नाराजगी –
Jos buttler expressed displeasure over harshit rana being made a concussion substitute in place of shivam dubey