राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की संस्थागत अखंडता पर सवाल उठाते हुए इसे गंभीर राष्ट्रीय चिंता बताया।
खड़गे ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, हम राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहे हैं, लेकिन पिछले दस वर्षों में भारतीय चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता का निरंतर क्षरण गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है।
कांग्रेस प्रमुख ने भारत के चुनाव आयोग और संसदीय लोकतंत्र की प्रशंसा करते हुए इसे निष्पक्ष और स्वतंत्र बताया, लेकिन साथ ही उन्होंने संतोष को तानाशाही की ओर बढ़ने का संभावित खतरा बताया। उन्होंने कहा, भारत का चुनाव आयोग और हमारा संसदीय लोकतंत्र दशकों से व्यापक संदेहों के बावजूद निष्पक्ष, स्वतंत्र और वैश्विक रूप से अनुकरणीय आदर्श साबित हुए हैं। पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों तक सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार की प्राप्ति हमारे संस्थापकों की दृष्टि का प्रतीक है।
उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बनाए रखने के लिए संस्थानों की स्वतंत्रता को आवश्यक बताया। खड़गे ने कहा, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बनाए रखने में लापरवाही तानाशाही का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। हमें अपने लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए संस्थानों की स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने एक्स पर लिखा, राष्ट्रीय मतदाता दिवस हमारे जीवंत लोकतंत्र का जश्न मनाने और हर नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए सशक्त बनाने का अवसर है। यह देश के भविष्य को आकार देने में भागीदारी के महत्व पर जोर देता है। हम इस दिशा में भारतीय चुनाव आयोग के अनुकरणीय प्रयासों की सराहना करते हैं।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है, जो देश में चुनाव प्रक्रिया और मतदाताओं के महत्व को रेखांकित करता है। इस दिन का उद्देश्य नागरिकों को अपने मताधिकार के प्रति जागरूक करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
खड़गे ने चुनाव आयोग की ‘संस्थागत अखंडता के क्षरण’ पर चिंता व्यक्त की –
Kharge expresses concern over ‘erosion of institutional integrity’ of election commission