गणपति विसर्जन के साथ ही पितृपक्ष की शुरुआत होती है और पितृपक्ष के बाद नवरात्रि, दशहरा, शरद पूर्णिमा जैसे कई महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इस बार अक्टूबर के महीने में पड़ने वाले कुछ महत्वपूर्ण त्योहार और व्रत की तारीख और महत्व।
– 6 अक्टूबर, जीवित्पुत्रिका व्रत – जीवित्पुत्रिका व्रत या जिसे जितिया भी कहा जाता है आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आता है, जो इस बार 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा. यह व्रत मां अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए करती हैं।
– 10 अक्टूबर, इंदिरा एकादशी – आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है और यह श्राद्ध के महीने में पड़ती है। यह पितरों को समर्पित होती है और इस दिन दान धर्म करने का महत्व होता है. यह तिथि इस बार 10 अक्टूबर को पड़ेगी।
– 14 अक्टूबर, महालय श्राद्ध – महालय श्राद्ध को पितृ अमावस भी कहा जाता है, जो इस साल 14 अक्टूबर को पड़ेगा। इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि हमें याद नहीं होती है।
– 15 अक्टूबर, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत – शारदीय नवरात्रि की शुरुआत पितृ पक्ष अमावस्या के अगले दिन से होती है, जो इस बार 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा और इसका समापन 23 अक्टूबर को होगा।
– 22 अक्टूबर, दुर्गा अष्टमी- शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है, जिसका बहुत महत्व होता है। इस दिन महागौरी की पूजा अर्चना करने के साथ ही कन्या भोज भी करवाया जाता है, इस बार यह दिन 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
– 23 अक्टूबर, दुर्गा नवमी- 23 अक्टूबर 2023 को महानवमी का त्योहार मनाया जाएगा, इस दिन मां के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है, साथ ही नवरात्रि का समापन भी होता है। इस दिन लोग अपना व्रत खोलते हैं और घरों में कन्या पूजन करवाने के साथ ही हवन भी होता है।
– 24 अक्टूबर, दशहरा – नवरात्रि के खत्म होने के बाद ही दशहरे का पर्व मनाया जाता है, जो इस बार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और लंका पर विजय हासिल की थी। इसी वजह से विजयदशमी का त्योहार मनाया जाता है। इसके अलावा एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।
– 25 अक्टूबर, पापांकुशा एकादशी – समस्त पापों का नाश करने के लिए पापांकुशा एकादशी का व्रत जरूर किया जाता है, यह दिन इस बार 25 अक्टूबर को पड़ेगा। कहते हैं इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है।
– 28 अक्टूबर, शरद पूर्णिमा व्रत- आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है, जो इस बार 28 अक्टूबर को पड़ेगी। कहते हैं इस दिन मां लक्ष्मी रात में भ्रमण करने धरती पर आती है, इसलिए चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर रखी जाती है और कहते हैं कि इस दिन रात को धरती पर अमृत बरसता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिये अक्टूबर में पड़ने वाले महत्वपूर्ण त्यौहार के बारे में –
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