
हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। गणेश जी को प्रिय भोग अर्पित करने से रुके कार्य भी पूरे हो सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा को प्रिय भोग
– संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा को बेसन के लड्डू का भोग लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से करियर में सफलता मिलती है और जीवन से सभी दुख-दरिद्र दूर होते हैं।
– भगवान गणेश का प्रिय भोग मोदक है। संकष्टी पूजा के दौरान मोदक का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
– भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा थाली में मोतीचूर के लड्डू जरूर शामिल करें। मान्यता है कि इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त
– तिथि प्रारंभ: 17 मार्च 2025, रात 07:33 बजे
– तिथि समापन: 18 मार्च 2025, रात 10:09 बजे
– पर्व मनाने की तिथि: उदयातिथि के अनुसार, 17 मार्च को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।
गणेश मंत्र
– गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
– श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा॥
– ऊं एकदंताय विकिर्मे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंतिः प्रचोदयात् ।
– ऊं ऐं ह्वीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
– ऊं नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
संकष्टी चतुर्थी 2025 पर भगवान गणेश के पसंदीदा प्रसाद, शुभ मुहूर्त और मंत्र के बारे में जानें –
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