हिंदू धर्म में शनि त्रयोदशी का विशेष महत्व है। इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विधि-विधान से शनि देव और भगवान शिव की पूजा करने से शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह दिन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस साल शनि त्रयोदशी 28 दिसंबर 2024 को पड़ रही है। 28 दिसंबर, सुबह 2:26 बजे से 29 दिसंबर, सुबह 3:32 बजे तक। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व होने के कारण व्रत और पूजा 28 दिसंबर को की जाएगी।
शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि –
1. शनि देव की मूर्ति पर सरसों तेल, काला तिल, और नीले रंग का फूल अर्पित करें।
2. शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं।
3. शनि ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए काला तिल, काला कपड़ा, काली उड़द, सरसों तेल, लोहा और जूते-चप्पल का दान करें।
4. शनि देव से प्रार्थना करें:
– प्रार्थना करते समय उनकी आंखों में न देखें।
– शीश झुकाकर उनसे अपने जीवन की बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें।
शनि प्रदोष व्रत के लाभ
– शनि ग्रह के दोष और साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है।
– धन, समृद्धि, और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।
– स्वास्थ्य और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
शनि त्रयोदशी के दिन शनि मंदिर में जाकर आने वाले साल की सुख-शांति और सफलता के लिए प्रार्थना करें। यह दिन जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने का शुभ अवसर है।
जानिए शनि त्रयोदशी 2024 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शनि प्रदोष व्रत के लाभ के बारे में –
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