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हिंदू धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है, क्योंकि वे मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर (Surya Gochar) करते हैं। कुंभ संक्रांति पर स्नान, दान और अनुष्ठान का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा से पूजा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
कुंभ संक्रांति पर इस साल पुण्य और महापुण्य काल का शुभ संयोग बन रहा है। पंचांग के अनुसार, 12 फरवरी 2025, बुधवार के दिन कुंभ संक्रांति मनाई जाएगी।
– पुण्य काल: दोपहर 12:36 बजे से शाम 6:10 बजे तक
– महापुण्य काल: शाम 4:19 बजे से शाम 6:10 बजे तक
दान का विशेष धार्मिक महत्व होता है। कुंभ संक्रांति के दिन निम्नलिखित चीजों का दान करना शुभ माना जाता है:
– गुड़: कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए गुड़ का दान करें।
– तिल: तिल का दान करने से शनि देव के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
– अन्न और धन: जीवन में समृद्धि और खुशहाली के लिए अन्न और धन का दान करें।
– सुहाग सामग्री: महिलाओं द्वारा सुहाग सामग्री दान करना सौभाग्यवर्धक माना जाता है।
– खिचड़ी: खिचड़ी का दान करने से पुण्य लाभ प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ संक्रांति के दिन कुछ चीजों का दान वर्जित होता है:
– फटे पुराने कपड़े: ऐसा करने से शनि देव नाराज हो सकते हैं।
– तेल: तेल का दान अशुभ माना जाता है और इसे देने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
– लोहे की वस्तुएं: इस दिन लोहे का दान नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे कुंडली में शनि का प्रभाव बढ़ सकता है।
कुंभ संक्रांति 2025 के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दान के नियमों के बारे में जानें –
Know about the auspicious time, worship method and rules of donation of kumbh sankranti 2025