ग्रहण एक खगोलीय घटना मानी जाती है, लेकिन ज्योतिष के अनुसार इसका धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से गहरा महत्व है। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को राहु और केतु जैसे छाया ग्रहों के प्रभाव से जोड़ा जाता है।
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा का प्रकाश धूमिल हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण राहु और केतु के प्रभाव से होता है, जो सूर्य और चंद्रमा को ‘डसने’ की प्रक्रिया से जुड़ा है।
2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च, शुक्रवार को होगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और इसकी अवधि 6 घंटे 3 मिनट रहेगी।
– ग्रहण शुरू: सुबह 9:27 बजे
– ग्रहण समाप्त: दोपहर 3:30 बजे
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत और अटलांटिक महासागर, और एशिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार साल के पहले चंद्र ग्रहण का असर सिंह राशि पर सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा। चूंकि चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगने जा रहा है, इसलिए इसका सबसे ज्यादा असर सिंह राशि पर पड़ेगा। इसके साथ साथ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर भी इसका असर होगा। इन राशि के जातकों को इस दौरान पारिवारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान आर्थिक नुकसान होने की आशंका बन रही है। आय के स्रोत कम हो सकते हैं और मानसिक तनाव भी हावी हो सकता है। इसके अलावा ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं,शिशुओं और बीमार लोगों को भी संभल कर रहने की सलाह दी जाती है। चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों में दर्शन वर्जित होते हैं और लोग देवी देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श नहीं कर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान नुकीली चीजों जैसे चाकू, छुरी, कैंची, सुई धागा जैसी चीजों के प्रयोग से मना किया जाता है।
जानिए 2025 का पहला चंद्र ग्रहण की तारीख, समय और राशियों पर प्रभाव के बारे में –
Know about the date, time and effect of the first lunar eclipse of 2025 on zodiac signs