JPB NEWS 24

Headlines
जानिए षटतिला एकादशी 2025 व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में - Know about the worship method, auspicious time and importance of shattila ekadashi 2025 fast

जानिए षटतिला एकादशी 2025 व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में – Know about the worship method, auspicious time and importance of shattila ekadashi 2025 fast

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, और इनमें से एक महत्वपूर्ण एकादशी है षटतिला एकादशी , जो भगवान विष्णु की पूजा और देवी लक्ष्मी की आराधना का विशेष अवसर है। इस दिन का व्रत भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और जीवन में समृद्धि पाने का मार्ग दिखाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

Disclaimer : यह खबर सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। JPB News 24 इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। अधिक जानकारी के लिए आप हमें संपर्क कर सकते हैं

षटतिला एकादशी का महत्व

षटतिला एकादशी को विशेष रूप से तिल का उपयोग करके पूजा की जाती है। तिल को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, और इस दिन तिल का दान करना बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और जीवन में तरक्की मिलती है।

षटतिला एकादशी का व्रत कब है?

इस वर्ष षटतिला एकादशी 25 जनवरी, शनिवार को मनाई जाएगी। यह व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्तों को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत करना चाहिए, जिससे उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।

षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त 2025

षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त 24 जनवरी की शाम 7:25 बजे से शुरू होगा और 25 जनवरी की रात 8:31 बजे तक रहेगा। इस दिन उदया तिथि के आधार पर व्रत किया जाएगा।

षटतिला एकादशी पूजा विधि 

1. ब्राह्म मुहूर्त में उठकर पहले नित्य क्रियाएँ पूरी करें और फिर पवित्र जल से स्नान करें।
2. स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर पूजा की तैयारी करें।
3. तिल का उपयोग पूजा में करें, क्योंकि यह पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
4. भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें, और तिल का दान करें।
5. तुलसी पूजा: इस दिन तुलसी का पूजन भी बहुत लाभकारी माना जाता है। तुलसी के पौधे के पास बैठकर पूजा करें और उसे हल्दी, चंदन और सिंदूर अर्पित करें।
6. पूजा के बाद तुलसी के पास एक घी का दीपक जलाएं, जिससे जीवन में समृद्धि और ज्ञान का संचार होता है।

तुलसी पूजा के उपाय

– एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के चारों ओर कलावा बांधना शुभ माना जाता है, यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
– इस दिन तुलसी के पत्ते न तोड़े और जल अर्पित न करें, क्योंकि माना जाता है कि तुलसी इस दिन भगवान विष्णु के लिए एकादशी का व्रत करती हैं।

– तुलसी पूजा मंत्र:

“महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते..”

 

जानिए षटतिला एकादशी 2025 व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में –

Know about the worship method, auspicious time and importance of shattila ekadashi 2025 fast