हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत काफी अहम माना जाता है. कहते हैं इस व्रत को करने से इंसान के सभी दोष दूर हो जाते हैं. खासकर सावन के महीने में आने वाले प्रदोष व्रत को बहुत खास माना जाता है, जो कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। वैसे तो सावन में दो प्रदोष व्रत आते हैं, लेकिन इस बार 4 प्रदोष व्रत है। सावन का आखिरी सोम प्रदोष व्रत कब आएगा और उस दिन पूजा किस तरह से की जानी चाहिए, आइए हम आपको बताते हैं।
भगवान शिव को प्रिय सावन के महीने का सोम प्रदोष व्रत 28 अगस्त, सोमवार के दिन आएगा, जिसका शुभ मुहूर्त शाम को 6:22 से शुरू होकर 29 अगस्त को दोपहर 2:45 तक रहेगा। कहते हैं सावन के महीने में प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की असीम कृपा आपको मिलती है और वैवाहिक जीवन भी सुख शांति से भरा रहता है। इतना ही नहीं तनाव और ग्रह कलह भी सोम प्रदोष का व्रत करने से दूर होती है और सुख, संपत्ति, धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
* ऐसेकरें सोम प्रदोष का व्रत
सोम प्रदोष के दिन सबसे पहले सूर्योदय के समय उठकर स्नान करें और साफ सुथरे या नए कपड़े पहनें। इस दिन भोलेनाथ के अभिषेक, रुद्राभिषेक या श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करके मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए उनसे कामना करें। ऐसे लड़के या लड़कियां जिनकी विवाह नहीं हो रहा है, उन्हें यह व्रत करना चाहिए इससे शादी के योग जल्दी बनते हैं। इतना ही नहीं संतान की इच्छा रखने वाले लोग भी अगर इस दिन पंचगव्य से महादेव का अभिषेक करें, तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है। अभिषेक करने के बाद भगवान शिव पर फूलों की माला अर्पित करें, भांग, धतूरा, बेलपत्र उन्हें चढ़ाएं और सच्चे मन से उनकी प्रार्थना करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए सावन के आखिरी सोमवार को सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व –
Know the auspicious time, worship method and its importance of som pradosh vrat on the last monday of sawan.