
पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है। इसे अलग-अलग स्थानों पर बसौड़ा, बूढ़ा बसौड़ा या बसियौरा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान का स्वास्थ्य उत्तम रहता है, घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है और शीतला माता की कृपा से रोगों से मुक्ति मिलती है।
आइए जानते हैं इस साल शीतला अष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा, पूजा का शुभ मुहूर्त और माता को प्रसन्न करने के प्रभावी उपाय।
शीतला अष्टमी 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल शीतला अष्टमी 22 मार्च 2025, शनिवार को मनाई जाएगी।
– अष्टमी तिथि प्रारंभ: 22 मार्च 2025 को सुबह 5:23 बजे
– अष्टमी तिथि समाप्त: 23 मार्च 2025 को सुबह 5:23 बजे
– पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:16 बजे से शाम 6:26 बजे तक
इस दिन उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 22 मार्च को ही व्रत रखा जाएगा और शीतला माता की पूजा की जाएगी।
शीतला अष्टमी व्रत में माता शीतला की पूजा कर परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की रक्षा की कामना की जाती है। इस दिन बासी भोजन का भोग लगाया जाता है, इसलिए इसे बसौड़ा पर्व भी कहा जाता है। मान्यता है कि यह व्रत करने से माता शीतला की कृपा से चर्म रोग, बुखार और संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।
शीतला अष्टमी के पूजा विधि और उपाय
1. माता शीतला को लाल वस्त्र और लाल फूल चढ़ाएं:
लाल रंग को माता का प्रिय रंग माना जाता है। पूजा में लाल चूड़ी, लाल सिंदूर, लाल वस्त्र और लाल फूल अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
2. बासी भोजन का भोग लगाएं:
इस दिन व्रती एक दिन पहले का बना हुआ बासी भोजन (पूड़ी, हलवा या मिठाई) माता को भोग स्वरूप अर्पित करते हैं और प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
3. संतान सुख के लिए विशेष मंत्र का जाप करें:
संतान की खुशहाली के लिए शीतला अष्टमी पर इस मंत्र का 21 बार जाप करना शुभ माना जाता है – शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता। शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।
4. गौमाता को प्रसाद खिलाएं:
पूजा के बाद गौमाता को संतान के नाम का प्रसाद खिलाने से संतान को माता शीतला का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
5. रोगों से मुक्ति के लिए जल छिड़काव करें:
मान्यता है कि इस दिन माता शीतला की पूजा के बाद घर में गंगाजल या पवित्र जल का छिड़काव करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
शीतला अष्टमी व्रत का धार्मिक महत्व
– इस दिन माता शीतला की पूजा करने से परिवार में बीमारियों का नाश होता है।
– व्रत रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
– माता की कृपा से संतान दीर्घायु और स्वस्थ रहती है।
– रोगों से मुक्ति के लिए यह व्रत बेहद प्रभावी माना गया है।
जानें शीतला अष्टमी 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और मां को प्रसन्न करने के उपाय –
Know the date of sheetala ashtami 2025, auspicious time and ways to please the mother