हिंदू धर्म में नवरात्रि का अत्यधिक महत्व होता है। नवरात्रि सालभर में चार तरह की मनाई जाती है, चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो बार गुप्त नवरात्रि। माना जाता है कि नवरात्रि पर व्रत रखने और पूजा करने पर मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। माना जाता है माता रानी की कृपा से घर-परिवार कष्टों से मुक्त रहता है। ऐसे में इस साल चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि की शुरूआत कब से हो रही है और किस तरह पूजा संपन्न की जा सकती है जानिए यहां।
* साल 2024 में नवरात्रि कब है:
पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होती है। इस साल 9 अप्रैल, मंगलवार से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो रही है और इसका समापन 17 अप्रैल, बुधवार के दिन हो जाएगा। वहीं, शारदीय नवरात्रि की शुरूआत इस साल 3 अक्टूबर, गुरुवार के दिन होगी और शारदीय नवरात्रि 11 अक्टूबर, बुधवार के दिन खत्म होगी।
* नवरात्रि पर कैसे करें माता का पूजन:
नवरात्रि की शुरूआत घटस्थापना के साथ होती है। घटस्थापना के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि की पूजा में कलश, मौली, रोली, गंगाजल, सिक्का, गेंहू या अक्षत, आम के पत्ते, मिट्टी के बर्तन, शुद्ध मिट्टी, कलावा, साफ कपड़ा, साफ जल और ज्वार आदि सामग्री एकत्र की जाती है। माता रानी के श्रृंगार के लिए लाल चुनरी, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल, बिछिया, माला और पायल आदि शामिल की जाती है।
नवरात्रि की पूजा के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान किया जाता है और स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। अब मां दुर्गा के व्रत का संकल्प लिया जाता है। इसके बाद चौकी सजाई जाती है और उसपर माता की प्रतिमा सजाई जाती है। कलश को हमेशा उत्तर दिशा में रखा जाता है या उत्तर-पूर्वी दिशा में स्थापित किया जाता है। कलश के मुंह पर अशोक के पत्ते लगाए जाते हैं और नारियल को चुनरी में लपेटकर उसपर कलावा बांधा जाता है। अम्बे मां के समक्ष दीया जलाकर पूजा की जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए इस साल कब मनाई जाएगी चैत्र नवरात्रि और कब रखा जाएगा शारदीय नवरात्रि का व्रत –
Know when chaitra navratri will be celebrated this year and when will the fast of shardiya navratri be observed