नवरात्रि को हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं इन दिनों में मां दुर्गा की पूजा की जाए तो घर परिवार पर मां की कृपा बनी रहती है और माता रानी अपना आशीर्वाद जातक और उसके घर-परिवार पर बनाए रखती हैं। माघ मास की गुप्त नवरात्रि का समापन 18 फरवरी के दिन हो जाएगा। नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा मां की 10 महाविद्याओं का पूजन किया जाता है। मान्यतानुसार जो भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करते हैं उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और उन्हें माता का आशीर्वाद मिलता है सो अलग।
* गुप्त नरवात्रि के मंत्र:
– “हे गौरी शंकरार्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरू कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम।।”
– “सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिम स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।”
– “ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।”
– “श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:।”
– “ऊं शं शंकराय सकल-जन्मार्जित-पाप-विध्वंसनाय, पुरुषार्थ-चतुष्टय-लाभाय च पतिं मे देहि कुरु कुरु स्वाहा।।”
– या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
– ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
– ॐ क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्यै नम:
– ॐ दुं दुर्गायै नम:
– ॐ ललिता देव्यै नम:
* गुप्त नवरात्रि की आरती:
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत
मैयाजी को निस दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी।
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
मांग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को।
मैया टीको मृगमद को।।
उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको।।
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे।
मैया रक्ताम्बर साजे।।
रक्त पुष्प गले माला कण्ठ हार साजे।।
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
गुप्त नवरात्रि : अपनी राशि अनुसार करें माँ दुर्गा की ऐसे पूजा
केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी।
मैया खड्ग कृपाण धारी।।
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुख हारी।।
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती। मैया नासाग्रे मोती।।
कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति।।
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
शम्भु निशम्भु बिडारे महिषासुर घाती।
मैया महिषासुर घाती।।
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती।।
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
चण्ड – मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।
मैया शौणित बीज हरे।।
मधु – कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ऊँ जय अम्बे गौरी…॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
मैया तुम कमला रानी।।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
ऊँ जय अम्बे गौरी…॥
चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरु।
मैया नृत्य करत भैरू।।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरू।।
ऊँ जय अम्बे गौरी…॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
मैया तुम ही हो भरता।।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
ऊँ जय अम्बे गौरी…॥
भुजा चार अति शोभित, वरमुद्रा धारी।
मैया वर मुद्रा धारी।।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
ऊँ जय अम्बे गौरी…॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। मैया अगर कपूर बाती।।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
ऊँ जय अम्बे गौरी…॥
अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावे।मैया जो कोई नर गावे।।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख – सम्पत्ति पावे।।
ऊँ जय अम्बे गौरी…॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए गुप्त नवरात्रि के दौरान किन मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है, मिलती है माता रानी की कृपा –
Know which mantras are considered very auspicious to chant during gupt navratri, you get the blessings of mata rani