तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने रविवार को कहा कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने एक लोकप्रिय राजनीतिक पार्टी बनाने में सफलता पाई, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेता भी संसदीय राजनीति में हासिल नहीं कर सके। घोष ने कहा कि नेताजी ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया था, लेकिन संसदीय राजनीति में ज्यादा सफलता नहीं मिली।
घोष ने कहा, नेताजी स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक नायक थे, लेकिन एक लोकप्रिय पार्टी बनाने में वह सफल नहीं हो सके। इसके विपरीत, ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़ने के बाद तृणमूल कांग्रेस का गठन किया और इसे पश्चिम बंगाल में सत्ता तक पहुंचाया।
1997 में कांग्रेस से निष्कासन के बाद, ममता बनर्जी ने 1998 में टीएमसी का गठन किया। उन्होंने 2011 में राज्य में वाम मोर्चे के 34 वर्षों के शासन को समाप्त कर तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में लाने में सफलता पाई।
घोष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने ममता बनर्जी की अदम्य लड़ाकू भावना को कभी पहचाना ही नहीं। उन्होंने कहा, बंगाल के लोगों ने ममता बनर्जी के निष्कासन को स्वीकार नहीं किया। यही कारण है कि उन्होंने बनर्जी और उनकी पार्टी को पूरा समर्थन दिया।
पूर्व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने भी हाल ही में दावा किया कि बनर्जी के निष्कासन के बाद कांग्रेस पार्टी को पश्चिम बंगाल में बड़ा नुकसान हुआ। भट्टाचार्य ने कहा, 1997 में तत्कालीन एआईसीसी प्रमुख सीताराम केसरी के निर्देश पर ममता बनर्जी को कांग्रेस से निष्कासित किया गया था। मैंने इस फैसले का विरोध किया, लेकिन आलाकमान का दबाव अधिक था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर उठे सवालों को आगामी राज्यसभा चुनाव से जोड़ते हुए इसकी टाइमिंग पर भी सवाल उठाए। उन्होंने इशारा किया कि यह बयान कहीं न कहीं चुनावी राजनीति का हिस्सा हो सकता है।
ममता बनर्जी की नेतृत्व क्षमता पर बात करते हुए घोष ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के बाद किसी नेता के लिए लोकप्रिय राजनीतिक पार्टी का गठन करना दुर्लभ है। यह ममता बनर्जी के विजन और बंगाल के लोगों के विश्वास का परिणाम है कि आज टीएमसी एक मजबूत राजनीतिक ताकत है।
ममता ने बनाई वो लोकप्रिय पार्टी, जो नेताजी भी नहीं बना सके: टीएमसी नेता –
Mamata created the popular party that even netaji could not create: TMC leader