
सोमवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और वाम दलों समेत विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग द्वारा कई डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड जारी करने और परिसीमन में कथित चूक पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया।
विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए, जिसमें उन्होंने दिन के कामकाज को स्थगित कर अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग की। हालांकि, उपसभापति हरिवंश ने कहा कि ये नोटिस अध्यक्ष के नियमों के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए स्वीकार नहीं किए जा सकते।
टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों ने डुप्लीकेट वोटर आईडी का मुद्दा उठाया, जबकि तमिल पार्टियों ने दक्षिणी राज्यों पर परिसीमन अभ्यास के प्रभाव पर चर्चा करने की मांग की। भाजपा के समिक भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल में एससी, एसटी और ओबीसी के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं पर चर्चा की आवश्यकता जताई।
डीएमके के पी विल्सन और सीपीएम के वी. शिवदासन ने दक्षिणी राज्यों में परिसीमन पर चिंता जताई। सीपीआई के पी संतोष कुमार ने भारती एयरटेल और रिलायंस जियो द्वारा एलन मस्क के स्टारलिंक के साथ किए गए सौदे के प्रभाव का मुद्दा उठाया। आप के संजय सिंह ने दिल्ली में बढ़ते अपराधों और कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की मांग की। आईयूएमएल के हारिस बीरन ने केरल में युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर चिंता जताई।
हरिवंश ने विपक्ष की सभी मांगों को अस्वीकार करते हुए कहा कि उनकी बातों को रिकॉर्ड में नहीं लिया जाएगा। इसके विरोध में विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर दिया।
यह घटनाक्रम संसद में लोकतांत्रिक चर्चाओं और जवाबदेही की आवश्यकता को एक बार फिर से रेखांकित करता है। विपक्षी दलों ने अपनी चिंताओं को प्रमुखता से उठाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सदन में सुना नहीं गया।
डुप्लीकेट वोटर आईडी विवाद पर विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया –
Opposition walks out of rajya sabha over duplicate voter ID controversy