
हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के लिए लगातार दूसरे कांस्य पदक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद हॉकी के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने खेल से संन्यास ले लिया है। हॉकी इंडिया ने बुधवार को यह घोषणा की कि श्रीजेश की 16 नंबर की जर्सी को वरिष्ठ स्तर पर हमेशा के लिए रिटायर किया जाएगा। अब कोई भी सीनियर खिलाड़ी 16 नंबर की जर्सी नहीं पहनेगा, हालांकि जूनियर स्तर पर यह संख्या उपयोग में रहेगी। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने श्रीजेश के योगदान को सराहते हुए कहा कि उन्होंने “आधुनिक भारतीय हॉकी का भगवान” कहे जाने का अधिकार अर्जित किया है।
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने सम्मान समारोह में घोषणा की कि श्रीजेश अब जूनियर राष्ट्रीय टीम के कोच की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, “श्रीजेश जूनियर टीम के लिए एक और श्रीजेश तैयार करेंगे।”
इस खास अवसर पर खिलाड़ियों ने श्रीजेश के नाम वाली लाल जर्सी पहनी, जिससे उनके सम्मान में एकजुटता दिखाई गई। समारोह में अन्य प्रमुख खिलाड़ियों के साथ पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर भी उपस्थित थीं, जिन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम इवेंट में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा है।
श्रीजेश ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “हॉकी इंडिया के इस कदम से मैं बेहद आभारी और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अठारह साल की यह यात्रा बहुत लंबी रही है, और मैंने हर उतार-चढ़ाव का सामना किया है, जिसने मुझे वह व्यक्ति बनाया जो मैं आज हूं।”
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें गर्व है कि टीम ने श्रीजेश को “परीकथा जैसी विदाई” दी। उन्होंने कहा, “श्रीजेश हमारे जीवन का अहम हिस्सा रहे हैं। उन्होंने हमेशा एक बड़े भाई की तरह मैदान के अंदर और बाहर हमारा मार्गदर्शन किया है।”
टिर्की ने श्रीजेश के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह विदाई नहीं है, बल्कि श्रीजेश के 18 वर्षों के भारतीय हॉकी में योगदान और उपलब्धियों का जश्न है। वह निश्चित रूप से ‘आधुनिक भारतीय हॉकी के भगवान’ कहे जाने के योग्य हैं।”
पीआर श्रीजेश आधुनिक भारतीय हॉकी के भगवान का सम्मान, 16 नंबर की जर्सी रिटायर –
PR sreejesh honored as god of modern indian hockey, retires jersey number 16