
कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के ऋण माफ न करने के फैसले को विश्वासघात बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला उन लोगों के साथ अन्याय है जिन्होंने इस आपदा में अपना सब कुछ खो दिया।
प्रियंका गांधी ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा केरल उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे का हवाला दिया। हलफनामे में कहा गया कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान ऋण केवल रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के मास्टर निर्देशों के तहत ही पुनर्निर्धारित या पुनर्गठित किए जा सकते हैं, माफ नहीं।
वायनाड भूस्खलन पीड़ितों ने अपना सब कुछ खो दिया घर, जमीन और आजीविका। फिर भी सरकार केवल ऋण पुनर्गठन की बात कर रही है। यह राहत नहीं बल्कि एक विश्वासघात है, प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस असंवेदनशीलता की कड़ी निंदा करती है और वायनाड के पीड़ितों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। प्रियंका ने यह भी आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी हर मंच पर पीड़ितों की आवाज उठाएगी और जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
केंद्र का यह हलफनामा केरल उच्च न्यायालय द्वारा वायनाड भूस्खलन के बाद दायर की गई एक स्वत संज्ञान जनहित याचिका के जवाब में दिया गया था। इसमें सरकार से पूछा गया था कि क्या प्रभावित व्यक्तियों के ऋण माफ किए जा सकते हैं।
हलफनामे में बताया गया कि 19 अगस्त 2023 को केरल की राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की विशेष बैठक हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी शामिल हुए थे। इस बैठक में आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार राहत उपायों को लागू करने का निर्णय लिया गया।
इन निर्देशों में ऋण माफी का प्रावधान नहीं है, बल्कि केवल ऋण पुनर्गठन, एक वर्ष की मोहलत और नए ऋण की सुविधा शामिल है।
30 जुलाई 2023 को वायनाड जिले के मुंदक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में भीषण भूस्खलन हुआ था, जिससे यह क्षेत्र पूरी तरह तबाह हो गया था। इस त्रासदी में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई, सैकड़ों लोग घायल हुए और 32 लोग अब भी लापता हैं।
इस जनहित याचिका का उद्देश्य केरल में आपदा प्रबंधन और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित करना है।
प्रियंका गांधी ने वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के कर्ज माफ न करने को ‘विश्वासघात’ बताया –
Priyanka gandhi calls on-waiver of loans of wayanad landslide victims a ‘betrayal’