
भारत के भाला फेंक चैंपियन और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने आखिरकार पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम को आमंत्रण देने के मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। यह विवाद तब गहराया जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद नीरज को सोशल मीडिया पर जमकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। आलोचकों का कहना था कि जब देश शोक में डूबा है, तब पाकिस्तान के खिलाड़ी को न्योता देना असंवेदनशीलता है।
नीरज चोपड़ा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट साझा कर निमंत्रण की पृष्ठभूमि और अपनी मंशा को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि यह निमंत्रण हमले से पहले भेजा गया था, और इसका उद्देश्य केवल खेल और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना था।
मैं आमतौर पर कम बोलता हूं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जब मेरे देश के प्रति प्रेम या मेरे परिवार की प्रतिष्ठा पर सवाल उठते हैं तो मैं चुप रहूं। अरशद को दिया गया निमंत्रण एक एथलीट द्वारा दूसरे एथलीट को दिया गया आमंत्रण था न ज्यादा, न कम।
नीरज ने आगे लिखा कि नीरज चोपड़ा क्लासिक का उद्देश्य भारत में विश्व स्तरीय खेल आयोजनों को बढ़ावा देना और युवाओं को प्रेरित करना है। सभी एथलीटों को निमंत्रण हमले से दो दिन पहले ही भेजा गया था। लेकिन जो हालात बीते 48 घंटों में बने, उसके बाद अरशद की उपस्थिति असंभव थी। मेरे लिए मेरा देश और उसके हित सर्वोपरि हैं। नीरज ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि उनके परिवार और मां तक को निशाना बनाया गया, जो निंदनीय है।
मैंने अपने देश का कई वर्षों तक गर्व से प्रतिनिधित्व किया है। मेरी देशभक्ति और नीयत पर सवाल उठना दुखद है। हम साधारण लोग हैं, कृपया हमें कुछ और न समझें।
नीरज ने यह भी कहा कि मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा झूठी कहानियाँ फैलाई गईं, जिनसे उनकी छवि को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि वह हर दिन देश को गौरवान्वित करने के लिए और मेहनत करेंगे। मैं चाहता हूं कि भारत को पूरी दुनिया सम्मान और ईर्ष्या की नजरों से देखे – सही कारणों के लिए। जय हिंद।
पहलगाम हमले के बाद अरशद नदीम को भारत बुलाने पर नीरज चोपड़ा की देशभक्ति’ पर उठे सवाल –
Questions raised on Neeraj Chopra’s ‘patriotism’ for calling Arshad Nadeem to India after Pahalgam attack