भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी पिंक बॉल टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम की हार के बाद सवालों के घेरे में आ गई है। पर्थ टेस्ट में भारत की शानदार जीत के बाद जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में रोहित ने टीम की कमान संभाली थी, लेकिन एडिलेड में 10 विकेट की करारी हार ने उनकी कप्तानी को लेकर कई गंभीर चर्चाओं को जन्म दिया।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने रोहित शर्मा की कप्तानी को रक्षात्मक बताया और जसप्रीत बुमराह के इस्तेमाल को लेकर असंतोष जताया। अपने यूट्यूब चैनल पर चोपड़ा ने कहा, जसप्रीत बुमराह ने चार ओवर का स्पेल फेंका और एक विकेट भी लिया। इसके बावजूद उन्हें पूरे सत्र में गेंदबाजी क्यों नहीं दी गई? रोहित ने अपनी कप्तानी में स्पष्ट रूप से एक बड़ा मौका गंवा दिया। यह रक्षात्मक कप्तानी का उदाहरण है।
चोपड़ा ने यह भी सवाल उठाया कि क्या भारतीय गेंदबाजों ने ट्रैविस हेड के खिलाफ सही रणनीति अपनाई। उन्होंने कहा, हेड को बाउंसर डालना जरूरी था। वह बार-बार परेशानी का सबब बन रहे हैं, चाहे वह विश्व कप फाइनल हो या WTC फाइनल।
चोपड़ा ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने लगातार चार टेस्ट मैच गंवाए हैं। अगर हम आधुनिक युग की बात करें, तो धोनी, कोहली और अब रोहित शर्मा लगातार चार टेस्ट हारने वाले कप्तानों में शामिल हो गए हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इनमें तीन हार घरेलू मैदान पर हुई हैं।
रोहित शर्मा के लिए यह हार सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि उनके नेतृत्व की परीक्षा थी। एडिलेड में रणनीतिक चूक और रक्षात्मक फैसलों ने भारत को जीत की दौड़ से बाहर कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी टेस्ट मैचों में रोहित को आक्रामक और निर्णायक रणनीतियों के साथ मैदान में उतरना होगा।
भारत को अब ब्रिस्बेन, मेलबर्न और सिडनी में अपने शेष तीन टेस्ट जीतने होंगे, ताकि ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जगह बनाई जा सके। यह आगामी मैच न केवल टीम के लिए, बल्कि रोहित शर्मा की कप्तानी की प्रतिष्ठा के लिए भी अहम साबित होंगे।
रोहित शर्मा की कप्तानी पर उठे सवाल, एडिलेड टेस्ट में रणनीतिक गलतियों के लिए आलोचना –
Questions raised on rohit sharma captaincy, criticism for strategic mistakes in adelaide test