शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने संसद परिसर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद केंद्र सरकार की निजीकरण नीति की कड़ी आलोचना की। राहुल गांधी ने मुनाफे वाले सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर सवाल उठाते हुए इसे चुनिंदा पूंजीपतियों को राष्ट्रीय संपत्ति सौंपने की साजिश करार दिया।
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर कहा, राहुल गांधी ने PSUs के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मोदी सरकार मुनाफे वाले सार्वजनिक उपक्रमों का भी निजीकरण करने पर तुली है।
पार्टी ने यह भी लिखा, हम इस मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाते रहे हैं और आगे भी इसे लेकर लड़ाई जारी रखेंगे। देश की संपत्ति को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपा जाना लोकतंत्र और सार्वजनिक हितों के खिलाफ़ है।
इस बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहीं।
आज लोकसभा में संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर एक विशेष चर्चा की शुरुआत होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश में शासन की स्थिति चिंताजनक है और कई स्वायत्त निकायों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस बहस के दौरान नवनिर्वाचित वायनाड सांसद प्रियंका गांधी अपना पहला भाषण दे सकती हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा का आरंभ करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चर्चा का उत्तर 14 दिसंबर को देंगे। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेता आपातकाल और विपक्ष की फर्जी कहानियों का मुद्दा उठाने की तैयारी में हैं। भाजपा के 12 से अधिक सांसद इस चर्चा में भाग लेंगे। विपक्ष के नेता टीआर बालू, ए. राजा (द्रमुक), कल्याण बनर्जी, मोहुआ मोइत्रा (तृणमूल कांग्रेस) जैसे वरिष्ठ नेता भी चर्चा में हिस्सा लेंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने अपने सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी किया है।
शीतकालीन संसद सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था लेकिन व्यवधानों के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही। सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। विपक्ष ने कहा है कि वे चाहते हैं कि 13-14 दिसंबर को संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस सुचारू रूप से हो।
राहुल गांधी ने केंद्र की आलोचना की: राष्ट्रीय संपत्ति चुनिंदा पूंजीपतियों को सौंपी जा रही है –
Rahul gandhi criticized the center: National assets are being handed over to select capitalists