
राज्यसभा ने शुक्रवार को एक राष्ट्र, एक चुनाव से संबंधित दो विधेयकों की जांच के लिए संसद की संयुक्त समिति में 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया।
सत्र की शुरुआत में, सभापति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से प्रस्ताव पेश करने का आग्रह किया। मेघवाल ने राज्यसभा से संयुक्त समिति के लिए 12 सदस्यों को नामांकित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।
राज्यसभा से नामित सदस्यों में भाजपा के घनश्याम तिवारी, भुवनेश्वर कलिता, डॉ. के. लक्ष्मण और कविता पाटीदार, जदयू के संजय कुमार झा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला और मुकुल वासनिक, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, द्रमुक के पी. विल्सन, आप के संजय सिंह, बीजद के मानस रंजन मंगराज और वाईएसआरसीपी के वी. विजयसाई रेड्डी शामिल हैं।
संयुक्त समिति में लोकसभा के 27 सदस्य भी शामिल होंगे। इनमें भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पीपी चौधरी, और कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं।
एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए पेश किए गए दो विधेयकों में से एक को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है। ये विधेयक लोकसभा में तीखी बहस के बीच मंगलवार को पेश किए गए। इनका उद्देश्य केंद्र और राज्यों के चुनावों को एक साथ आयोजित करने के लिए आवश्यक कानूनी ढांचा तैयार करना है।
समिति में कुल 39 सदस्य होंगे, जिसमें लोकसभा के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्य शामिल हैं। यह समिति विधेयकों की गहन समीक्षा करेगी और संसद को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक का उद्देश्य संसदीय और विधानसभा चुनावों को एक साथ आयोजित करने की व्यवस्था करना है। इसके जरिए चुनावी खर्च को कम करने और प्रशासनिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने की योजना है।
यह समिति आने वाले दिनों में इन विधेयकों पर विचार-विमर्श शुरू करेगी। देशभर से इस पर गहन बहस और चर्चा होने की संभावना है।
राज्यसभा ने एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयकों की जांच के लिए 12 सदस्यों को नामित किया –
Rajya sabha nominate 12 members to examine one nation, one election bills