भारत के दिग्गज ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने जब से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, क्रिकेट जगत में उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है। हालांकि, अश्विन ने यह स्पष्ट किया है कि वे चाहते हैं कि लोग उनके करियर का जश्न मनाने के बजाय खेल की भावना का सम्मान करें। चेन्नई में स्थित अश्विन ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन और नासिर हुसैन के साथ एक वर्चुअल बातचीत में अपनी सोच और क्रिकेट से जुड़े मिथकों पर चर्चा की।
अश्विन ने अपनी किताब आई हैव द स्ट्रीट्स: ए कुट्टी क्रिकेट स्टोरी पर बात की, जो इस साल जुलाई में प्रकाशित हुई थी। किताब में उन्होंने अपनी क्रिकेट यात्रा, मिथकों और अपने व्यक्तित्व के पहलुओं पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा, कई बार लोग मान लेते हैं कि मैं बहुत गंभीर हूं और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों की तरह खेल का आनंद नहीं लेता। लेकिन ऐसा नहीं है। जब मैं मैदान पर होता हूं, तो मैं पूरी तरह खेल में खो जाता हूं।
अश्विन ने बताया कि उनके बारे में सबसे बड़ी गलतफहमी यह है कि वह हर समय गंभीर रहते हैं। उन्होंने कहा, लोग मुझे पाँच विकेट लेने के बाद ड्रेसिंग रूम में अपनी पत्नी को किस करते नहीं देखते। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं खेल का आनंद नहीं लेता। मैं अपनी प्रक्रिया में डूबा रहता हूं और यही मेरी ताकत है।
भारतीय क्रिकेट के कई महान खिलाड़ियों जैसे सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, और रोहित शर्मा को भगवान की तरह पूजा जाता है। लेकिन अश्विन का मानना है कि क्रिकेट टीम का खेल है और सभी खिलाड़ी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, जब लोग भारतीय क्रिकेट की बात करते हैं, तो अक्सर कुछ चुनिंदा नामों का जिक्र होता है। लेकिन यह भूल जाते हैं कि टीम का हर सदस्य महत्वपूर्ण है। मेरे लिए, मैं हमेशा अपनी कहानी का एमवीपी (मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर) रहा हूं।”
अश्विन ने इस बात पर जोर दिया कि हर खिलाड़ी की अपनी अलग यात्रा होती है और उसे सम्मान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, मेरे जीवन में, मेरे मातापिता के लिए मैं एमवीपी हूं। हर किसी की यात्रा खास होती है और हर खिलाड़ी के योगदान को सराहना मिलनी चाहिए। यही कारण है कि मैं चाहता हूं कि मेरी कहानी को लोग सही संदर्भ में समझें।
537 टेस्ट विकेट के मालिक अश्विन ने क्रिकेट को नए आयाम दिए। वह न केवल एक बेहतरीन गेंदबाज थे बल्कि मैदान पर उनकी सोच और रणनीति ने भारतीय टीम को कई बार मुश्किल हालात से उबारा। उनके संन्यास ने भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत कर दिया है, लेकिन उनकी विरासत हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास, कहा- मैं अपने क्रिकेट का MVP हूं –
Ravichandran ashwin retires from international cricket, says- I am the MVP of my cricket