शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बुधवार को बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अपने प्रतिद्वंद्वी गुट एनसीपी (एसपी) के नेताओं को दलबदल के लिए प्रलोभन दे रही है। राउत ने यह भी दावा किया कि दलबदल करने वालों को केंद्र सरकार में मंत्री पद का आश्वासन दिया गया है।
यह टिप्पणी एनसीपी नेता अमोल मिटकती के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के कुछ लोकसभा सदस्य अजीत पवार के संपर्क में हैं।
एनसीपी (एसपी) विधायक और पूर्व राज्य मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने भी आरोप लगाया कि अजीत पवार गुट के राज्य प्रमुख सुनील तटकरे ने शरद पवार गुट के सांसदों को पिता और बेटी (शरद पवार और सुप्रिया सुले) को छोड़ने के लिए कहा है। आव्हाड ने दावा किया कि यह प्रस्ताव सांसदों को दलबदल के लिए मजबूर करने का प्रयास था।
आव्हाड ने कहा, अगर दोनों एनसीपी गुटों को एकजुट होना है, तो सुनील तटकरे हमारे लोकसभा सदस्यों को पाला बदलने का प्रस्ताव क्यों देंगे? उनका सुझाव साफ तौर पर पिता-पुत्री को छोड़ने का था। तटकरे खुद नहीं चाहते कि शरद पवार और सुप्रिया सुले का गुट एकजुट हो।
संजय राउत ने कहा, जब तक शरद पवार गुट से दलबदल नहीं होता, अजीत पवार गुट को केंद्र सरकार में कोई पद नहीं मिलेगा। राउत ने यह भी आरोप लगाया कि प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को शरद पवार गुट के नेताओं को तोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
फिलहाल, अजीत पवार गुट के पास केवल एक लोकसभा सांसद, सुनील तटकरे, हैं, जबकि शरद पवार गुट (एनसीपी एसपी) के पास आठ लोकसभा सदस्य हैं।
जितेंद्र आव्हाड ने यह भी कहा कि एनसीपी के दोनों गुटों के एक होने की खबरें केवल एक राजनीतिक संदेश देने का प्रयास हैं। उन्होंने दावा किया कि इसका उद्देश्य भाजपा सहयोगी और जेडी(यू) नेता नीतीश कुमार पर दबाव बनाना है, ताकि भाजपा को अन्य दलों से समर्थन मिलने का संकेत दिया जा सके।
संजय राउत का दावा – अजीत पवार गुट एनसीपी के सांसदों को अपने पक्ष में लाने की कर रहा कोशिश –
Sanjay raut claims – Ajit pawar faction is trying to get NCP MPs on its side