आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को राज्यसभा में मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन नोटिस दाखिल किया। अपने नोटिस में उन्होंने पिछले 19 महीनों से जारी जातीय हिंसा पर चिंता व्यक्त की, जिसके कारण सैकड़ों घर जल गए, निर्दोष नागरिकों की हत्या हुई और हजारों परिवार विस्थापित हुए।
संजय सिंह ने अपने नोटिस में कहा, मणिपुर में पिछले 19 महीनों से चल रही जातीय हिंसा ने राज्य में कानून-व्यवस्था की विफलता और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार की लापरवाही को उजागर किया है। मई 2023 में शुरू हुई इस हिंसा ने सैकड़ों घरों को राख में बदल दिया, कई निर्दोष लोगों की जान ले ली और हजारों परिवारों को विस्थापित कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस संकट का सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं और बच्चों पर पड़ा है।
संजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को हिंसा से प्रभावित संपत्तियों और पुनर्वास योजनाओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। लेकिन, सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाने में विफल रही है। उन्होंने जिरीबाम जिले में 7 नवंबर 2024 को एक महिला के साथ हुई क्रूर घटना का हवाला देते हुए कहा कि यह राज्य में बिगड़ती स्थिति को उजागर करता है।
यह घटना मणिपुर की भयावह स्थिति का एक और सबूत है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा, यह चिंताजनक है कि प्रधानमंत्री ने इस अवधि के दौरान मणिपुर का दौरा तक नहीं किया। यह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में इंटरनेट बंद, कर्फ्यू, आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें और दवाओं की अनुपलब्धता ने लोगों का जीवन असहनीय बना दिया है। यह न केवल कानून और व्यवस्था का संकट है, बल्कि यह मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर प्रहार है।
संजय सिंह ने संसद में किसानों के विरोध और उनकी मांगों पर चर्चा के लिए शून्यकाल नोटिस भी दिया है।
शीतकालीन सत्र, जो 25 नवंबर को शुरू हुआ, व्यवधानों से भरा रहा है। यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है।
संजय सिंह ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस पेश किया –
Sanjay singh presented suspension of business notice in rajya sabha to discuss manipur violence