बॉलीवुड के किंग खान, शाहरुख खान ने अपना 59वां जन्मदिन शनिवार को मनाया। 1992 में फिल्म दीवाना से बॉलीवुड में कदम रखने वाले शाहरुख ने स्टारडम और इंडस्ट्री की असलियत पर कई विचार साझा किए। 1991 में इंटरव्यू में, उन्होंने बताया था कि कैसे मुंबई में शूटिंग के दौरान उनके चारों ओर एक स्टार कल्चर बनता गया, जहां लोग उनके जूते के फीते बांधने और सिर पर छाता पकड़ने की पेशकश करने लगे।
उन्होंने कहा था, एक महीने से मुंबई में शूटिंग कर रहा हूं, और अचानक लोग मेरे जूतों के फीते बांधना चाहते हैं, चाय पकड़ना चाहते हैं। मैं कोई बेवकूफ नहीं हूं; अपने जूते के फीते खुद बांधता हूं। मुझे किसी से यह नहीं करवाना है।
शाहरुख ने इंडस्ट्री में फैले इस स्टारडम फैशन पर भी कटाक्ष किया, जहां स्पॉट बॉय से छोटी-छोटी चीजें करवाना स्टारडम का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा, हॉलीवुड में ऐसा नहीं होता। यहाँ लोग केवल शोहरत और महिमा के लिए आते हैं, जबकि उन्हें अभिनय का असली मतलब समझना चाहिए।
दीवाना के बाद शाहरुख ने चमत्कार, राजू बन गया जेंटलमैन, बाजीगर, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, कुछ कुछ होता है, स्वदेस, और जब तक है जान जैसी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता। हाल में, वे डंकी (2023) में नजर आए और जल्द ही सुजॉय घोष की निर्देशित फिल्म किंग में दिखाई देंगे, जिसमें उनकी बेटी सुहाना खान के भी होने की संभावना है। इसके साथ ही, शाहरुख डिज्नी की बहुप्रतीक्षित फिल्म मुफासा: द लायन किंग के हिंदी संस्करण में अपनी आवाज देंगे, जो 20 दिसंबर को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।
शाहरुख खान का 59वां जन्मदिन, शुरुआती अनुभव और फिल्म इंडस्ट्री में उनका सफर –
Shah rukh khan 59th birthday, early experiences and his journey in the film industry