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बीड सरपंच हत्या की न्यायिक जांच के लिए एकल सदस्यीय पैनल का गठन - Single member panel formed for judicial inquiry into beed sarpanch murder

बीड सरपंच हत्या की न्यायिक जांच के लिए एकल सदस्यीय पैनल का गठन – Single member panel formed for judicial inquiry into beed sarpanch murder

महाराष्ट्र सरकार ने बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या और परभणी में एक दलित प्रदर्शनकारी की हिरासत में मौत की घटनाओं की न्यायिक जांच के लिए दो अलग-अलग सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अध्यक्षता में समितियां गठित की हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को इस संबंध में जानकारी दी।

Disclaimer : यह खबर सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। JPB News 24 इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। अधिक जानकारी के लिए आप हमें संपर्क कर सकते हैं

बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का 9 दिसंबर को अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि देशमुख ने क्षेत्र में एक ऊर्जा कंपनी द्वारा पवनचक्की परियोजना के तहत कथित जबरन वसूली का विरोध किया था।

सरकार ने मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम.एल. तहलियानी की एकल सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति हत्या के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या संगठनों की पहचान करेगी, पुलिस और प्रशासन की भूमिका का मूल्यांकन करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाएगी।

सरकार के आदेश के अनुसार, हत्या की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय देशमुख के सहयोगी वाल्मिक कराड भी शामिल हैं, जिन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।

सरकार ने परभणी में हिरासत के दौरान प्रदर्शनकारी सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी.एल. अचलिया की अध्यक्षता में एक अन्य समिति का गठन किया है।

35 वर्षीय सूर्यवंशी को संविधान की कांच की प्रतिकृति को लेकर हुए विवाद और हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी 15 दिसंबर को न्यायिक हिरासत के दौरान एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी।

पुलिस ने दावा किया है कि सूर्यवंशी की मौत तबीयत बिगड़ने के कारण हुई, लेकिन न्यायिक समिति यह जांच करेगी कि मौत के पीछे क्या कारण थे और पुलिस ने स्थिति को संभालने में किस हद तक उचित कदम उठाए।

सरकार ने दोनों समितियों को तीन से छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन दोनों घटनाओं पर राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में चर्चा के दौरान न्यायिक जांच की घोषणा की थी।

यह कदम राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर पारदर्शिता लाने और नागरिकों का विश्वास जीतने की दिशा में उठाया गया है। न्यायिक जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र समितियों का गठन किया गया है, जो घटनाओं के हर पहलू की जांच करेंगी और आवश्यक सुधारात्मक सुझाव देंगी।

 

बीड सरपंच हत्या की न्यायिक जांच के लिए एकल सदस्यीय पैनल का गठन –

Single member panel formed for judicial inquiry into beed sarpanch murder