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सुखबीर बादल की सजा आज से शुरू, करेंगे सेवादारी, गुरुद्वारे में पहरेदारी, धोएंगे बर्तन और सुनेंगे कीर्तन - Sukhbir badal punishment will start from today, he will do sevadari, guard the gurudwara, wash utensils and listen to kirtan

सुखबीर बादल की सजा आज से शुरू, करेंगे सेवादारी, गुरुद्वारे में पहरेदारी, धोएंगे बर्तन और सुनेंगे कीर्तन – Sukhbir badal punishment will start from today, he will do sevadari, guard the gurudwara, wash utensils and listen to kirtan

जेपीबी न्यूज 24 – श्री अकाल तख्त साहिब ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल समेत 17 लोगों को धार्मिक सजा सुनाई। आरोपियों को गुरुद्वारा साहिब में बर्तन धोने, शौचालय साफ करने और अन्य धार्मिक दंड भुगतने होंगे। यह सजा 2015 में बेअदबी और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने जैसे मामलों में दोषी पाए जाने के बाद दी गई है।

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सजा सुनाने से पहले तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबर सिंह की अगुवाई में पांच सिंह साहिबानों ने चार घंटे तक मामले की सुनवाई की। सुखबीर बादल पर आरोप था कि उन्होंने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में दोषियों को सजा दिलाने में विफलता दिखाई और डेरा प्रमुख को माफी दिलाने में भूमिका निभाई। इस दौरान उनके पिता प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे।

सुखबीर बादल ने पेशी के दौरान सभी आरोप स्वीकार किए। उन्हें 3 दिसंबर से शुरू होने वाली धार्मिक सेवा के तहत विभिन्न गुरुद्वारों में सेवा करनी होगी। वह दरबार साहिब में दो घंटे पहरेदारी, बर्तन धोना और लंगर में सहयोग करेंगे।

अकाल तख्त ने दिवंगत प्रकाश सिंह बादल को 13 साल पहले दिया गया ‘फख्र-ए-कौम’ खिताब भी वापस ले लिया। जत्थेदार ने कहा कि बादल परिवार ने जत्थेदारों पर डेरा प्रमुख को माफी देने का दबाव बनाया था।

सुखबीर बादल समेत 17 दोषियों को धार्मिक सेवा के रूप में सजा दी गई है। इनमें प्रमुख नाम विक्रम मजीठिया, बीबी जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और हीरा सिंह गाबड़िया जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। सभी दोषियों को श्री दरबार साहिब के बाथरूम साफ करने, लंगर में सेवा देने और कीर्तन सुनने जैसी सेवाएं करनी होंगी।

सुखबीर बादल पैर में फैक्चर के कारण व्हीलचेयर पर ही पहुंचे थे। उन्हें सेवादार के चोले में तख्ती पहनकर घंटाघर के पास पहरेदारी करनी होगी। उनके साथ सुखदेव सिंह ढींढसा को भी यही सजा सुनाई गई है।

अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल की कार्य समिति को निर्देश दिया है कि वे सुखबीर बादल सहित सभी दोषियों के इस्तीफे स्वीकार करें और छह महीने के भीतर नए अध्यक्ष का चुनाव करें।

यह फैसला शिरोमणि अकाली दल और उनके नेतृत्व के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। धार्मिक मामलों में सख्त रुख अपनाते हुए अकाल तख्त ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक अनुशासन के उल्लंघन को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

सुखबीर बादल की सजा आज से शुरू, करेंगे सेवादारी, गुरुद्वारे में पहरेदारी, धोएंगे बर्तन और सुनेंगे कीर्तन –

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