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तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई का बड़ा बयान - कुछ राजनीतिक दल भाषा के आधार पर देश को बांटना चाहते हैं - Tamil nadu BJP president K annamalai makes big statement - Some political parties want to divide the country on the basis of language

तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई का बड़ा बयान – कुछ राजनीतिक दल भाषा के आधार पर देश को बांटना चाहते हैं – Tamil nadu BJP president K annamalai makes big statement – Some political parties want to divide the country on the basis of language

तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कुछ राजनीतिक दलों पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने और भाषा के आधार पर देश को विभाजित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी केंद्र सरकार पर गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का झूठा आरोप लगा रही है।

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प्रयागराज में अन्नामलाई ने कहा, कुछ राजनीतिक दल अभी भी हमारे देश को भाषा के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं। मातृभाषा सभी के लिए महत्वपूर्ण है। महाकवि भारती ने 10 से अधिक भाषाओं को जानने के बाद तमिल को सबसे महान भाषा कहा था। इसलिए लोगों को अधिक भाषाएं सीखनी चाहिए।

उनकी यह टिप्पणी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम. के. स्टालिन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘समग्र शिक्षा’ निधि जारी करने को लेकर लिखे पत्र के बाद आई है।

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि जब तक तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ‘तीन भाषा नीति’ लागू नहीं की जाती, तब तक ‘समग्र शिक्षा’ के तहत निधि जारी नहीं की जाएगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने आश्वासन दिया कि किसी भी छात्र को किसी विशेष भाषा को सीखने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा, बल्कि वे अपनी पसंद की कोई भी भाषा चुन सकते हैं।

उन्होंने कहा, एनईपी भारतीय भाषाओं के अध्ययन को बढ़ावा देता है। यह कोई भी भाषा हो सकती है। तमिलनाडु में छात्र किसी अन्य द्रविड़ भाषा को भी पढ़ सकते हैं। राजनीतिक दल अनावश्यक रूप से विवाद खड़ा कर रहे हैं।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की मौजूदा सरकार ने हिंदी भाषा को लागू करने के कथित प्रयासों को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमले किए हैं। डीएमके का आरोप है कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए वित्तीय सहायता रोक रही है।

ये पूरी तरह से काल्पनिक चिंताएं हैं। मैं फिर से स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनईपी किसी भी राज्य के छात्रों पर कोई भी भाषा थोपने की सिफारिश नहीं करता। इसका मतलब यह है कि एनईपी किसी भी तरह से तमिलनाडु में हिंदी थोपने की कोशिश नहीं कर रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा में वैश्विक मानक लाना है और इसे भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के अनुरूप बनाना है।

प्रधान ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार सभी प्रमुख 13 भाषाओं में प्रवेश परीक्षाएं आयोजित कर रही है, जिसमें तमिल भाषा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा भारत की क्षेत्रीय भाषाओं और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने की है, न कि किसी विशेष भाषा को थोपने की।

 

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