जनवरी का महीना त्योहारों की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें फसल से जुड़े विशेष पर्व शामिल होते हैं। लोहड़ी भी ऐसा ही एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भारत में विशेष रूप से उत्तर भारत और पंजाब में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व पर सूर्य देव और अग्निदेव की पूजा की जाती है। साथ ही, यह किसानों की मेहनत, एकता, और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
पंचांग के अनुसार, इस साल लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है।
लोहड़ी की पूजा विधि –
लोहड़ी के दिन पूजा से जुड़े सभी कार्य शुभ माने जाते हैं। यहां जानिए पूजा विधि:
1. सुबह की शुरुआत:
– जल्दी उठकर स्नान करें और मंदिर की सफाई करें।
– भगवान कृष्ण, मां दुर्गा और अग्निदेव की पूजा करें।
– सूर्य देव को जल चढ़ाकर उनका ध्यान करें।
2. शाम की पूजा:
– सूखी लकड़ियां और कंडों का उपयोग करके अलाव जलाएं।
– अग्नि में रेवड़ी, मूंगफली, फुल्ले, खील और मक्के के दाने अर्पित करें।
– अग्नि की परिक्रमा करते हुए परिवार और दोस्तों के साथ पूजा संपन्न करें।
लोहड़ी का महत्व और परंपराएं –
1. सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव:
– लोहड़ी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे सिख समुदाय द्वारा भी धूमधाम से मनाई जाती है।
– लोग ढोल की थाप पर नाचते-गाते हैं और पुराने दिनों को याद करते हैं।
2. विशेष पकवान:
– इस दिन मक्के की रोटी और सरसों का साग खाना बेहद लोकप्रिय है।
– लोहड़ी के प्रसाद में रेवड़ी, मूंगफली, और तिल के लड्डू शामिल होते हैं।
3. शुभकामनाएं और आनंद:
– एक-दूसरे को शुभकामनाएं देकर इस त्योहार को खास बनाया जाता है।
– परिवार के साथ समय बिताकर त्योहार का पूरा आनंद लिया जाता है।
लोहड़ी का प्रसाद और पकवान –
लोहड़ी के दिन प्रसाद में रेवड़ी, मूंगफली, और फुल्ले का विशेष महत्व है। साथ ही मक्के की रोटी और सरसों का साग इस पर्व का खास भोजन होता है, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं।
यह पर्व किसानों की मेहनत और फसल के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिन है। यह एकता, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।
आज है लोहड़ी का त्योहार, जानें पूजा विधि, तिथि और महत्व के बारे में –
Today is the festival of lohri, know about the method of worship, date and importance