केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे कांग्रेस का पाखंड उजागर हो गया है। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट की एक श्रृंखला में कांग्रेस के रवैये की कड़ी आलोचना की।
वैष्णव ने कहा, कांग्रेस का पाखंड स्पष्ट हो गया है। उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह जी की अंतिम यात्रा को भी राजनीति का विषय बना दिया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान बार-बार उन्हें दरकिनार किया। यह टिप्पणी कांग्रेस नेताओं द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर डॉ. सिंह का अपमान करने के आरोप के बाद आई है। कांग्रेस ने मांग की थी कि उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट के बजाय एक स्मारक के रूप में किया जाए।
वैष्णव ने कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ उचित सम्मान न देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने पीवी नरसिम्हा राव जी को एआईसीसी मुख्यालय से अंतिम यात्रा तक की अनुमति नहीं दी और उन्हें उचित स्मारक देने से इनकार कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस प्रणब मुखर्जी को उनके निधन के बाद सम्मानित करने में विफल रही और यहां तक कि उन्हें दिए गए भारत रत्न का भी उचित तरीके से प्रचार नहीं किया।
केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी द्वारा 2013 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट द्वारा पारित अध्यादेश को फाड़ने की घटना को सबसे बड़ा अपमान करार दिया। उन्होंने कहा, डॉ. सिंह को एक छद्म प्रधानमंत्री बना दिया गया था, जबकि वास्तविक शक्ति श्रीमती सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के माध्यम से इस्तेमाल की। यह हमारे संविधान को कमजोर करने का उदाहरण है।
कांग्रेस ने भाजपा पर डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत का सम्मान न करने का आरोप लगाया था। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए उनके नेताओं को पाखंड का प्रतीक बताया। अश्विनी वैष्णव की यह प्रतिक्रिया भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक खींचतान को और अधिक तीव्र कर सकती है, खासकर जब मामला एक प्रतिष्ठित नेता के अंतिम संस्कार का है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर साधा निशाना, मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा के राजनीतिकरण का लगाया आरोप –
Union minister ashwini vaishnav targeted congress, accused of politicizing manmohan singh last journey